दार्जिलिंग से सुरक्षा बलों की वापसी पर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग व कालिम्पोंग से सुरक्षा बलों की बाकी चार कंपनियों की वापसी के लिए मंजूरी मांगी। केंद्र ने इन कंपनियों को चुनावी राज्यों त्रिपुरा, मेघालय व नागालैंड में तैनात करने की बात कही है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वकील वसीम कादरी ने केंद्रीय बलों की वापसी का उल्लेख किया था। इस पर पीठ ने सरकार को एक आवेदन दाखिल करने की अनुमति दी।
इस मामले की सुनवाई बुधवार को सूचीबद्ध थी, लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी।
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शीर्ष अदालत ने 27 नवंबर को सरकार को दार्जिलिंग व कालिम्पोंग से केंद्रीय सुरक्षा बलों की अधिक से अधिक चार कंपनियों को वापस बुलाने की इजाजत दी थी क्योंकि वहां स्थिति सामान्य होने का हवाला दिया गया था।
सरकार ने नवंबर में सुरक्षा बलों की वापसी को उचित ठहराया था। सरकार ने तर्क दिया था कि इन जिलों में हालात नियंत्रण में है और यातायात व सामानों की आवाजाही सामान्य है। इसके साथ ही सिक्किम के राजमार्ग पर भी स्थिति अनुकूल है।
गोरखा आंदोलन का सामना कर रहे संकटग्रस्त जिलों से सुरक्षा बलों की वापसी के केंद्र के आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रोक दिया था। केंद्र ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।