कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को कहा कि सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की सरकार राजनीतिक लाभ लेने के लिए दार्जिलिंग समस्या का समाधान नहीं कर रही। घोष ने कहा कि ममता सरकार पश्चिम बंगाल के इस पर्वतीय इलाके में नेपाली और बंगाली समुदाय को बांटने में लगी हुई है।
दार्जिलिंग समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के नेताओं के बीच त्रिपक्षीय बैठक की वकालत कर चुके घोष ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार राज्य के उत्तरी हिस्से में रह रहे बंगाली समुदाय में 'नेपाल विरोधी भावनाएं' भड़काने की कोशिश कर रही है।
घोष ने आईएएनएस से कहा, "राज्य सरकार दार्जिलिंग अस्थिरता का समाधान नहीं चाहती, क्योंकि वे इसे हल करना ही नहीं चाहते। इस मुद्दे से उन्हें राजनीतिक लाभ मिल रहा है।"
घोष ने कहा, "वे (राज्य सरकार) इस पर्वतीय इलाके में रह रहे बंगालियों और नेपालियों के बीच विभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तरी बंगाल में तृड़मूल की पकड़ अच्छी नहीं है। इसीलिए वे नेपाली-विरोध भावनाएं भड़काकर इलाके में अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।"
मुख्यमंत्री ममत बनर्जी पर निशाना साधते हुए घोष ने कहा, "यह हास्यास्पद है कि जिस सेना को वह (ममता) कभी लुटेरा कह चुकी हैं, दार्जिलिंग में अपनी पहचान कायम रखने के लिए उसी सेना पर निर्भर हैं। इस पर्वतीय इलाके में अब राज्य पुलिस की को कोई भूमिका ही नहीं रह गई है। पुलिस को यहां से मैदानी इलाकों में भेज दिया गया है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को बुलाया गया है।"