AIIMS में आग का खुलासा: तो इसलिए मचा आग का तांडव

देश की राजधानी दिल्ली AIIMS में आग लगने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। फायर डिपार्टमेंट का कहना है कि एम्स के जिस इमारत में आग लगी है, उसके पास NOC तक नहीं थी। यह नियमों का पूरी तरह उल्लंघन है।

Update: 2019-08-18 09:56 GMT

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली AIIMS में आग लगने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। फायर डिपार्टमेंट का कहना है कि एम्स के जिस इमारत में आग लगी है, उसके पास NOC तक नहीं थी। यह नियमों का पूरी तरह उल्लंघन है।

फायर अधिकारियों के अनुसार एम्स के जिस टीचिंग ब्लॉक में शनिवार को भयानक आग लगी थी, उस ब्लॉक के पास फायर NOC तक नहीं थी और बिल्डिंग काफी पुरानी है। नियमों के अनुसार हर तीन साल में फायर NOC लेना अनिवार्य है और हर साल फायर NOC सर्टिफाइड होती है, जो एम्स ने नही कराई।

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स्वास्थ्य मंत्री ने लिया हालात का जायजा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार सुबह अस्पताल जाकर हालात का जायजा लिया है। मंत्री के साथ एम्स के डायरेक्टर और वरिष्ठ फैकेल्टी मेंबर भी थे। अस्पताल प्रशासन ने इस मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। एम्स ने एक बयान में कहा है कि उसके पास आग से बचाव का रेगुलर सिस्टम है और 24 घंटे अग्निशमन कर्मी तैनात रहते हैं। हालात पर विचार के लिए एम्स के डायरेक्टर ने सभी डिपार्टमेंट प्रमुखों के साथ एक बैठक की है।

राज्य स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नुकसान का हो रहा आकलन

इस बीच एम्स की आग पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा है कि मरीजों को कोई समस्या नहीं हो रही है, जिन मरीजों को शिफ्ट किया गया था वो वापस अपने वार्ड में पहुंच गए हैं। नुकसान काफी ज्यादा हुआ है, मशीनें और दूसरे सामान जल गए हैं। उन्होंने कहा कि कितना नुकसान हुआ है उसका आकलन किया जा रहा है।

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लापरवाही पर होगी कार्रवाई

अंजान लोगों के खिलाफ अभी यह FIR हुई है। फायर विभाग की फॉरेंसिक टीम आज रविवार को एम्स में आग लगी जगह का मुआयना कर अपनी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को देगी। उसके बाद किसकी लापरवाही बनती है तय कर कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर विपिन केंटल ने बताया कि एम्स के टीचिंग ब्लॉक में ओपीडी और न्यूरोलॉजी ब्लॉक भी है। ओपीडी ब्लॉक में ज्यादा मरीज नहीं थे, लेकिन उसके साथ वाले ब्लॉक से 13 मरीजों को रेस्क्यू किया और 7 मरीज वेंटिलेटर पर भी थे जिन्हें शिफ्ट किया गया। वेंटिलेशन शाफ़्ट की वजह से आग अंदर ही अंदर ऊपर की तरफ फैल गई।

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शॉर्ट सर्किट से लैब में फैली आग

बताया जा रहा है कि इमरजेंसी लैब में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी आग पूरी लैब में फैल गई। यह वॉर्ड इमजरेंसी के करीब ही है, जिसकी वजह से तत्काल इमरजेंसी वार्ड को बंद कर दिया गया। इस वार्ड के मरीजों को अन्य जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया।

सबसे प्रमुख बात यह है कि इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली गंभीर हालत में एम्स में भर्ती हैं। वह आग लगने की जगह से करीब 500 मीटर की दूरी पर दूसरे ब्लॉक में भर्ती हैं। वहां राष्ट्रपति, पीएम मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और अन्य वीवीआईपी का आना-जाना लगा हुआ है।

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