बाप रे बाप! क्या होगा दिल्ली वालों का, जहां देखो धुआं-धुआं
दिवाली से पहले हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंचने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकृत संस्था ईपीसीए ने पिछल हफ्ते निर्देश दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में 26 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध रहेगा।
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में हर बार की तरह इस बार भी दिवाली के बाद हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। ग्रीन दिवाली के आह्वान के बाद भी दिवाली के अगले दिन हवा में प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं आई। कुछ जगहों पर प्रदूषण का स्तर सामान्य तो कहीं बेहद ज्यादा रहा। सुबह के समय यह आंकड़ा 255 स्तर पर पहुंचा।
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प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक स्थिति है। दिल्ली की तुलना में मुंबई में दिवाली के बाद अगले दिन हवा का स्तर ठीक रहा। इससे पहले दिवाली से एक दिन पहले भी दिल्ली और एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई थी।
कैसे मापते हैं AIQ का स्तर
बता दें कि एक्यूआई 0 से 50 के बीच अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 तक बेहद खराब और 401 से 500 के बीच खतरनाक माना जाता है। दिल्ली में हवा की क्वालिटी लगातार बिगड़ने का मुख्य कारण हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब के इलाकों में पराली जलाना भी है। हालांकि अब इस पर रोक लगा दी गई है।
30 तक निर्माण कार्य पर रोक
दिवाली से पहले हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंचने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकृत संस्था ईपीसीए ने पिछल हफ्ते निर्देश दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में 26 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध रहेगा।
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दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) के अध्यक्ष भूरे लाल ने फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत और बहादुरगढ़ में कोयला आधारित उद्योगों, बिजली संयंत्रों को बंद करने का निर्देश जारी किया