Women Wrestlers Sexual Harassment Case: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न में दिल्ली की अदालत ने दर्ज किया मुख्य गवाह का बयान

Women Wrestlers Sexual Harassment Case: मामले में बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह आरोपी हैं। चार नवंबर को राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने गवाह नंबर 1/पीड़ित को साक्ष्य दर्ज करने के लिए समन जारी किया था।

Newstrack :  Network
Update:2024-11-14 18:55 IST

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न में दिल्ली की अदालत ने दर्ज किया मुख्य गवाह का बयान: Photo- Social Media

Women Wrestlers Sexual Harassment Case: महिला पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को गवाह का बयान विस्तृत तरीके से दर्ज किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्य गवाह का साक्ष्य (बयान) दर्ज कर लिया है। गौरतलब ये है कि, बयान बंद अदालत कक्ष में दर्ज किया गया।

इस मामले में बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह आरोपी हैं। चार नवंबर को राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने गवाह नंबर 1/पीड़ित को साक्ष्य दर्ज करने के लिए समन जारी किया था। इसके अलावा यह उल्लेखनीय है कि, जिस गवाह/पीड़िता को पहले बुलाया गया था, वह साक्ष्य के लिए नहीं आई क्योंकि वह कुश्ती चैंपियनशिप के लिए भारत से बाहर है।

दिल्ली पुलिस ने 19 अक्टूबर को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले से एक गवाह, कोच जगबीर सिंह को हटा दिया। पहले उन्हें अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में उद्धृत किया गया था। अब कोर्ट ने मामले को एक और पीड़ित पहलवान की गवाही दर्ज करने के लिए सूचीबद्ध किया है।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) प्रियंका राजपूत ने विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अतुल श्रीवास्तव का बयान दर्ज किया कि अभियोजन पक्ष जगबीर सिंह को अभियोजन गवाह के रूप में हटाना चाहता है।

एक सप्ताह पहले चार नवंबर को दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में साक्ष्य दर्ज करने के लिए सोमवार को एक महिला पहलवान को तलब किया।

पहले ये कहा गया था कि ब्रज भूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवान 14 नवंबर को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) वैभव चौरसिया की अदालत में उनके खिलाफ गवाही देंगी। लेकिन वह देश से बाहर होने के कारण उपस्थित नहीं हुईं। भूषण के खिलाफ आरोप पत्र दायर होने के एक साल बाद जुलाई में मामले की सुनवाई शुरू हुई। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप तय किए गए हैं।

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