नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट से सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने कहा, ''दिल्ली सरकार की सलाह पर काम करने के लिए एलजी बाध्य नहीं हैं। प्रशासनिक मुखिया एलजी ही है। दिल्ली में केंद्र की ही चलेगी, क्योंकि यह केंद्रशासित प्रदेश है। दिल्ली के पास आयोग बनाने का हक नहीं है। केंद्र का हस्तक्षेप बिल्कुल सही है।'' बता दें कि लंबे वक्त से सीएम केजरीवाल और एलजी के बीच अधिकारों को लेकर विवाद चल रहा था। वहीं, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। अब हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।
और क्या कहा दिल्ली हाईकोर्ट ने ?
- दिल्ली सरकार एलजी की मर्जी के बिना कानून नहीं बना सकती। अनुच्छेद 239 AA के मुताबिक दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है।
-केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन गलत नहीं हैं। सीएम केजरीवाल के कमेटी बनाने संबंधी फैसले अवैध हैं।
-दिल्ली सरकार को कोई भी नोटिफिकेशन जारी करने से पहले LG की मंजूरी लेनी होगी।
-ACB केंद्रीय कर्मचारियों पर कारवाई नहीं कर सकती।
'आप' ने एलजी को बताया था जासूस
एलजी नजीब जंग और सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच कई मुद्दों पर अधिकारों के लेकर टकराव होता रहा है। हाईकोर्ट ने 24 मई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले आम आदमी पार्टी ने एलजी को केंद्र का जासूस बताया था। वहीं, जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से सभी डिप्यूटेड ऑफिसरों की जानकारी मांगी थी तो अरविंद केजरीवाल ने एलजी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि गृह मंत्री को सीधे जवाब देंगे। आपके स्तर पर कार्रवाई की जरूरत नहीं है। उन्होंने एलजी को कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की बजाए सरकार के काम में रोड़े अटकाने वाला भी बताया था।
नीचे पढ़िए, फैसले के बाद किसने किया क्या ट्वीट ?
Hon'ble High Court has shown d mirror to Kejriwal. A tight slap on anarchist CM's face. Kejri shud come out of his hideout & apologise now.
— Satish Upadhyay (@upadhyaysbjp) August 4, 2016
High Court rules against Kejriwal Govt!
Upheld Lt Governor notifications-
LG-Kejriwal spat wasted 18 months-brought Delhi to a standstill.
— Ajay Maken (@ajaymaken) August 4, 2016
#Delhi HC order is no one's victory or defeat. It only clarifies existing Constitutional position so that Delhi's governance doesn't suffer.
— BS Bassi (@BhimBassi) August 4, 2016
After the verdict by the HC, hopefully Mr Kejriwal doesn't resort to his usual self & say "Modi ji ki High Court kam karne nahi de rahi hai"
— Sambit Patra (@sambitswaraj) August 4, 2016
Delhi HC fully rejects AAPs claims of power over LG.Under the Const, Dli is still UT.By his antics,AK has weakened case for statehood to Dli
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) August 4, 2016
Moral of Delhi HC verdict:
you cant govern without understanding the grammar of governance
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) August 4, 2016
Now when Delhi HC has put to rest ignorance of Kejriwal Govt on d Constitution, Hope good sense will prevail over them & theatrics will end.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) August 4, 2016