Delhi: नई आबकारी नीति पर डिप्टी CM मनीष सिसोदिया का बड़ा दावा, पूछा- LG ने 48 घंटे में कैसे बदला स्टैंड?

Delhi : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति को लेकर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान सिसोदिया ने एलजी और नई आबकारी नीति के संबंध में बड़े दावे किए।

Written By :  aman
Update: 2022-08-06 08:17 GMT

Manish Sisodia (Social Media)

Manish Sisodia Press Conference : दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने शनिवार को नई आबकारी नीति को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। सिसोदिया बोले, 'नई आबकारी नीति (New Excise Policy) में दुकान बढ़ाने नहीं बल्कि पूरी दिल्ली में बराबरी पर दुकान बांटने का प्रस्ताव रखा था'। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बड़ा दावा किया। कहा कि, दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) की मंजूरी से ही नई नीति बनाई गई थी।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने ये भी कहा कि, नई आबकारी नीति में सरकार ने उपराज्यपाल के सुझाव माने थे। आपको बता दें कि, दिल्ली में नई आबकारी नीति मई 2021 लागू हुई थी। नीति के तहत पुराने शराब दुकानदारों को लाभ होता है। सिसोदिया ने ये भी कहा, कि जब दुकानों को खोलने की फाइल एलजी के पास गई तो एकाएक स्टैंड बदल दिया गया। दुकानों के मुद्दे पर एलजी ने अपना फैसला बदल दिया। मनीष का दावा है कि एलजी ने दो बार पढ़ने के बाद नई आबकारी नीति को मंजूरी दी थी।

सरकार से चर्चा किए बिना बदला फैसला 

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'उपराज्यपाल (LG) ने बिना दिल्ली सरकार और कैबिनेट से चर्चा किए फैसला बदल लिया। फैसला एकाएक कैसे बदल गया? इसी को लेकर सीबीआई (CBI) को जांच करने का प्रस्ताव दिया है।' 

फैसला बदलने से हजारों करोड़ का नुकसान 

सिसोदिया ने आगे कहा, कि 'अगर उपराज्यपाल के दफ्तर (Lieutenant Governor Office) ने फैसला नहीं बदला होता तो सरकार को हजारों करोड़ों का नुकसान नहीं होता। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, कि एलजी के स्टैंड बदलने से अनधिकृत क्षेत्र (Unauthorized Area) में दुकानें नहीं खुली। कुछ जगहों पर ही शराब की दुकानें खुली। इससे कुछ लोगों को ही लाभ पहुंचा। ऐसे स्थिति में इसकी जांच होनी चाहिए।'

डिप्टी सीएम ने LG पर लगाए आरोप

डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के उप राज्यपाल ने अपना फैसला बदलते हुए नई शर्तें लगाई। जिसमें कहा गया कि, दिल्ली नगर निगम (MCD) या दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के परमिशन से शराब की दुकानें खोली जाएं। उन्होंने कहा, जबकि इससे पहले की फाइल्स से स्पष्ट है कि अब तक एलजी ही इसकी अनुमति देते रहे हैं। सिसोदिया ने आगे बताया, नवंबर के पहले हफ्ते में दुकानें खोलने का प्रस्ताव एलजी साहब के पास पहुंचा। नवंबर महीने में उन्होंने नई शर्तें लगा दी, कि अनधिकृत कॉलोनियों में दुकान खोलने के लिए डीडीए, एमसीडी की मंजूरी लेनी होगी। पहले ऐसा नहीं था। पहले बस एलजी हाउस से मंजूरी चाहिए होती थी। इस वजह से लाइसेंस लेने वालों को बहुत नुकसान हुआ है। ये नुकसान एलजी के बदले निर्णय से हुआ। 

लाइसेंस धारक कोर्ट पहुंच गए

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, 'इसके बाद लाइसेंस धारक (License Holder) अदालत पहुंच गए। क्योंकि, उनकी दुकानें ही नहीं खुल पाई, जबकि कुछ दुकानदारों को बहुत अधिक फायदा हुआ। क्योंकि, बहुत सी दुकान खुली ही नहीं थी। उप राज्यपाल के स्टैंड बदलने से दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, मेरे ख्याल से एलजी के स्टैंड बदलने से करीब 300 से 350 दुकानें नहीं खुल पाईं। मनीष सिसोदिया ने कहा, इस पूरे मामले की CBI जांच होना जरूरी है कि, कैबिनेट और सरकार के पास प्रस्ताव को एकाएक कैसे बदल दिया गया। 

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