Sanjay Singh Arrested: AAP सांसद संजय सिंह गिरफ्तार, शराब घोटाले में हुई कार्रवाई, ED दफ्तर के बाहर फोर्स तैनात
Sanjay Singh Arrested: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह गिरफ्तार। उन्हें शराब घोटाला केस में गिरफ्तार किया गया है।
Sanjay Singh Arrested: प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाला केस में पूंछतांछ के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने शराब घोटाले मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। जिसके बाद हरासत में लिया। इसके पहले केन्द्रीय जांच एजेंसी ने संजय सिंह के घर पर छापेमारी की थी। ईडी ने शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। इस मामले में पिछले हफ्ते ही ईडी ने चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें संजय सिंह का भी नाम शामिल था। लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने आज यानी बुधवार को करीब साढ़े पांच बजे संजय सिंह को गिरफ्तार किया। इस केस में मनीष सिसोदिया फरवरी से ही जेल में बंद है। किसी भी आनहोनी की आशंका को देखते हुए ED दफ्तर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को बढा दिया गया है।
जनवरी में संजय सिंह का चार्जशीट में जोड़ा गया था नाम
ईडी ने इसी साल संजय सिंह का नाम अपनी चार्जशीट में जोड़ा था। जिसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा खड़ा किया था। संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। इस पर ईडी ने कहा कि चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह है। इनमे से तीन जगहों पर सही नाम लिखा गया है। जबकि एक जगह टाइपिंग में गलती हो गई थी। इसके बाद ईडी ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी करने से बचने की सलाह दी थी। क्योंकि यह पूरा मामला कोर्ट में लंबित है।
क्या है आरोप?
ईडी के चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपए का चंदा लेने का जिक्र किया गया है। इसी को लेकर ईडी आज यानी बुधवार को उनके घर पहुंची थी। पूछताछ किया जा रहा था।
चार्जशीट में राघव चड्ढा का भी नाम शामिल
दिल्ली शराब नीति घोटाला केस में ईडी नें दो मई को चार्जशीट दाखिल की थी। इसमे हाल ही में परिणीति चोपड़ा के साथ शादी के बंधन में बंधे आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम आया था। हलांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।
दिनेश अरोड़ा केस की अहम कड़ी
इस मामले में दोषी बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा को अहम कड़ी माना जा रहा है। उनसने बताया कि संजय सिंह के अनुरोध पर उसने दिल्ली के रेस्त्रां और बार मालिकों से करीब 82 करोड़ जमा करके मनीष सिसोदिया को चेक के रूप में पार्टी फंड के बहाने दिया था। इन पैसों का स्तेमाल उस दौरान आने वाले विधानसभा चुनावों में किया गया था।