40 सेकेंड में आंदोलन शुरू: राकेश टिकैत ने किसानों से कही ये बात, आखिर क्यों?
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि हमारा आंदोलन 40 सेकेंड में फिर से शुरू हो गया।
नई दिल्ली: कल तक जिस किसान आंदोलन की भविष्य पर सवाल खड़ हो रहे थे, उस प्रदर्शन में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है। गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के बाद किसान संगठन अपना नाम वापस लेने लगे और धीरे धीरे करके दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होने लगी। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ, जिसने पल में ही सारी बाजी पलट दी और आंदोलन को एक नई गति देने का काम किया।
किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा...
इस बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि हमारा आंदोलन 40 सेकेंड में फिर से शुरू हो गया। बता दें कि राकेश टिकैत उसी 40 सेकेंड की बात कर रहे हैं, जब वो कल यानी गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान भावुक हो गए थे। उनके आंसुओं ने आंदोलन में जान नई फूंक दी।
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जानिए क्यों कहा राकेश टिकैत ने ये बात?
इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए ही राकेश टिकैत आज कह रहे हैं कि 40 सेकंड में आंदोलन एक बार फिर शुरू हो गया। उन्होंने आगे कहा कि गुरुवार को दंगे से भी खतरनाक स्थिति थी। मैंने कभी भारतीय जनता पार्टा को वोट दिया था। बीजेपी के ही लोगों ने आंदोलन में किसानों की मदद की। किसान नेता ने आगे कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण जारी रहेगा।
गाजीपुर बॉर्डर का हाईवोल्टेज ड्रामा
आपको बता दें कि गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सीमा पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी। यहां तक RAF, वज्र वाहन भी तैनात किए गए थे। प्रदर्शनकारियों की घर वापसी के लिए बसें भी लाई गईं थीं। यहां से टेंट हटाने भी शुरू कर दिए गए थे। आंदोलन लगभग खत्म माना जा रहा था, लेकिन उसके अगले ही पल जो हुआ, उसने आंदोलन की पूरी तस्वीर ही पलट कर रख दी।
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आत्महत्या की धमकी
दरअसल, गुरुवार शाम को राकेश टिकैत मीडिया से बातचीत करने के दौरान भावुक हो गए थे। उन्होंने यहा तक कि आत्महत्या करने की भी धमकी दे दी। भावुक किसान नेता ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। उनके आंसुओं ने किसानों में जोश लाने का काम किया और एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान जुटने लगे। इसी घटना को लेकर उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन 40 सेकेंड में शुरू हो गया।
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