फेक न्यूज और हेट स्पीच पर हाईकोर्ट सख्त, गूगल, फेसबुक और ट्विटर से मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर प्रसारित फेक न्यूज और नफरत भरे बयानों को हटाने को लेकर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ कोर्ट ने गूगल इंडिया, फेसबुक और ट्विटर से भी जवाब मांगा है।

Update: 2020-03-11 16:17 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर प्रसारित फेक न्यूज और नफरत भरे बयानों को हटाने को लेकर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ कोर्ट ने गूगल इंडिया, फेसबुक और ट्विटर से भी जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य की तरफ से दायर जनहित याचिका पर यह नोटिस जारी किया है।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केन्द्र सरकार, फेसबुक, गूगल और ट्विटर को नोटिस जारी करने उनका जवाब मांगा है।

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कोर्ट ने याचिका के आधार पर उक्त सोशाल मीडिया संस्थानों के नामित अधिकारियों से सोशल मीडिया से फेक न्यूज को हटाने का विवरण अगली सुनवाई तक देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को तय की है।

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याचिकाकर्ता ने याचिका में सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और नफरत भरे भाषणों के प्रसारित होने से बोलने की स्वतंत्रता के दुरुपयोग और भारतीय कानूनों के अनुपालन के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि ऐसे ही संदेशों के कारण ही विभाजनकारी समाज और दंगे जैसे हालात पैदा होने की बात कही गई है।

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याचिका में पीठ से अपील की गई है कि सोशल मीडिया पर दंगों से जुड़ी फेक न्यूज और नफरत भरे भाषणों को हटाने के लिए सोशल मीडिया संस्थानों की ओर से उठाए गए कदम के बारे में जानकारी देने के निर्देश दिए जाएं, अगर सोशल मीडिया से ऐसे संदेशों को नहीं हटाया जाता है तो उसका कारण भी पूछा जाए।

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