Delhi Liquor Policy Scam: 'सिसोदिया से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं, फिर वो सलाखों के पीछे क्यों? सुप्रीम कोर्ट में सिंघवी की दलील
Manish Sisodia News: सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि, प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि नई शराब नीति ही धोखा देने के लिए बनाई गई। जबकि, नई नीति समितियों द्वारा विचार-विमर्श के बाद पारदर्शी तरीके से तैयार की गई। तत्कालीन एलजी ने भी इसे मंजूरी दी थी।
Delhi Liquor Policy Scam : सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (17 अक्टूबर) को दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि, 'प्रवर्तन निदेशालय (ED) यह नहीं कह रही कि पैसा आपके पास आया है, बल्कि वे यह कह रहे हैं कि आपकी संलिप्तता की वजह से आपने अपराध की आय में सहायता की है।'
वहीं, मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की CBI और ED के मामले में दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने मुकदमे की प्रगति के बारे में पूछा कि, इस केस में करीब 21,000 से 30,000 दस्तावेज हैं। 290 से अधिक गवाह हैं। कैसे समय से ट्रायल पूरा होगा? इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (Additional Solicitor General SV Raju) ने कहा कि, 'अदालत 6 महीने में देख सकता है कि हमने इसमें कितनी प्रगति की है। निचली अदालत ने मुझे सभी दस्तावेज देने का निर्देश दिया है ताकि मुकदमे में देरी ना हो।'
सिंघवी बोले- सिसोदिया से जुड़ा कोई साक्ष्य नहीं
बहस के दौरान आज अपनी दलील में सिसोदिया के वकील ने कोर्ट से कहा, 'सीधे तौर पर उनके मुवक्किल से जुड़ा कोई साक्ष्य-सबूत नहीं मिला है। सभी साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं। मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने आगे कहा कि, 'उनके मुवक्किल (मनीष सिसोदिया) को सलाखों के पीछे रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, उनके भागने का कोई खतरा नहीं है। सिंघवी ने ये भी कहा कि, ED का ये कहना गलत है कि नई शराब नीति (Delhi New Liquor Policy) की वजह से कीमतें बढ़ीं, जबकि पॉलिसी के बाद ग्राहकों को मिलने वाली कीमत भी कम हुई।'
'नई शराब नीति ही धोखा देने के लिए बनाई गई थी'
सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'ईडी का आरोप ये है कि नई शराब नीति ही धोखा देने के लिए बनाई गई थी। जबकि, नई नीति समितियों द्वारा विचार-विमर्श के बाद पारदर्शी तरीके से बनाई गई है। उन्होंने कहा, तत्कालीन एलजी ने भी इसकी मंजूरी दी थी। इंडो स्पिरिट्स को लेकर ये आरोप है कि याचिकाकर्ता ने इंडोस्पिरिट को लाइसेंस देने के लिए उत्पाद शुल्क अधिकारियों पर दबाव बनाया। जबकि, इस आरोप को लेकर जांच एजेंसी के पास कोई सबूत नहीं है। फाइल से ये पता चलता है कि उन्होंने नियम के अनुसार ही काम करने के निर्देश दिए।'
जस्टिस खन्ना- ED कह रही है कि सिसोदिया की संलिप्तता...
सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) ने कहा, 'ईडी ये नहीं कह रही है कि पैसा आपके पास आया है। ED कह रही है कि मनीष सिसोदिया की संलिप्तता की वजह से अपराध की आय में सहायता हुई।' इसके बाद मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा, उनके मुवक्किल के खिलाफ किसी भी तरह के 'मनी ट्रेल' का पता नहीं चला। ईडी कहती है कि एक कंपनी ने मुनाफा कमाया और नीति मैंने बनाई थी, जिससे कंपनी को मदद मिली।'
सिंघवी- सीबीआई केस में कोई आरोप नहीं
सिसोदिया के वकील सिंघवी ने आगे कहा, 'सीबीआई केस में कोई आरोप नहीं है। यदि कोई अपराध नहीं है तो ED वहां नहीं आ सकती। जांच एजेंसियां कहती हैं कि चूंकि मेरी नीति ने एक कंपनी को मुनाफा कमाने में सक्षम बनाया, इसलिए मैं इसमें शामिल हूं। वहीं, जांच एजेंसी को मुझे (मनीष) या मेरे परिवार के सदस्यों को कोई पैसा दिया जाना नहीं मिल सका है। अब वे कहते हैं कि एक कंपनी द्वारा अर्जित मुनाफा अपराध की आय है, जबकि आरोपों का मुझसे कोई संबंध नहीं दिखता।'
SC ने पूछा- क्या ये मुख्य अपराध का हिस्सा नहीं है?
अभिषेक मनु सिंघवी की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आरोप है कि वह एयरपोर्ट (लाइसेंस) के संबंध में नीति में संशोधन किया गया है। क्या ये मुख्य अपराध का हिस्सा नहीं है? इस पर सिसोदिया के वकील ने कहा, 7 सितंबर और 9 अप्रैल के बयानों में दिनेश अरोड़ा (अब सरकारी गवाह बन चुका है) ने कहा था कि, कोई भी धनराशि नहीं मिली। 8 तारीखों पर उन्होंने कोई आरोप नहीं लगाया। एक साल बाद 14 अगस्त को पहली बार आरोप लगाया।'
आपको बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर आज बहस पूरी हो गई है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।