दिल्ली में त्राही-त्राही: क्या 'फेलुदा' रोकेगी इस तबाही को, तेजी से बढ़ रहा कहर
दिल्ली में कोरोना महाविकराल रूप लेता जा रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस की अब दूसरी लहर देखने को मिल रही है। परीक्षण रफ्तार बढ़ाने के लिए अपोलो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के साथ मिलकर टाटा ग्रुप आज स्वदेशी कोरोना टेस्ट किट 'फेलुदा' को दिल्ली में लॉन्च करने जा रहा है।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना महाविकराल रूप लेता जा रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस की अब दूसरी लहर देखने को मिल रही है। परीक्षण रफ्तार बढ़ाने के लिए अपोलो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के साथ मिलकर टाटा ग्रुप आज स्वदेशी कोरोना टेस्ट किट 'फेलुदा' को दिल्ली में लॉन्च करने जा रहा है। बताया जा रहा कि इस टेस्ट किट के जरिए 40 मिनट के अंदर परिणाम मिल जाएंगे।
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कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने में मदद
ऐसे में फेलुदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट किट को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से पूरे देश में प्रयोग के लिए इजाजत मिल गई है। टेस्ट किट का पहला बैच राजधानी दिल्ली में उपलब्ध किया जाएगा, क्योंकि यहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण की गति में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है।
साथ ही 'टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक लिमिटेड'(टाटा एमडी) ने पहले ऐलान किया था कि पेपर स्ट्रिप किट को 'टाटाएमडी चेक' नाम दिया जाएगा। लेकिन अभी तक इसके दामों को लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। पर शुरुआती रिपोर्ट्स का कहना है कि इसकी कीमत 500 रुपये हो सकती है।
इसके अलावा फेलुदा जांच मौजूदा समय में हो रही आरटी-पीसीआर जांच से सस्ती है। जबकि इसमें भी परिणाम बिल्कुल सही आते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि फेलुदा के जरिए दिल्ली या देश में लोगों की कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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इसकी वजह से कोरोना होता है...
जानकारी देते हुए बता दें, स्वदेशी रूप से विकसित फेलुदा पेपर स्ट्रिप टेस्ट सार्स-सीओवी-2 (वो वायरस जिसकी वजह से कोविड-19 होता है) के निदान के लिए सीआरआईएसपीआर-सीएएस9 टेक्नोलॉजी के जरिए काम करेगा। साथ ही पेपर स्ट्रिप कोरोना वायरस की आनुवंशिक सामग्री को पहचानने और उसे टार्गेट करने के लिए अत्याधुनिक सीआरआईएसपीआर जीन-एडिटिंग तकनीक का उपयोग करती है।
इसी कड़ी में वैज्ञानिक डॉ देबज्योति चक्रवर्ती ने कहा, फेलुदा टेस्ट में नमूना एकत्रित करने और उसमें से आरएनए निकालने की प्रक्रिया बिल्कुल आरटी-पीसीआर टेस्ट की तरह ही है, लेकिन नमूने को प्रोसेसिंग करने के लिए सिर्फ एक थर्मोसाइकलर मशीन की आवश्यकता होती है।
आगे उन्होंने कहा, केवल बड़ी प्रयोगशालाओं और वैज्ञानिक संस्थानों में आमतौर पर एक पारंपरिक आरटी-पीसीआर मशीन होती है। जबकि थर्मोसाइकलर सस्ते हैं और अधिकांश प्रयोगशालाओं व वैज्ञानिक संस्थानों में यह बड़ी संख्या में उपलब्ध होंगे। इन मशीनों के जरिए परीक्षण की गति बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
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