PM केयर्स फंड को सार्वजनिक प्राधिकरण घोषित करने की मांग, PMO ने कही ये बात

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में RTI अधिनियम के तहत पीएम केयर्स फंड को एक 'सार्वजनिक प्राधिकरण' के तौर पर घोषित करने की मांग करने वाली याचिका पर आपत्ति जताई है।

Update: 2020-06-10 13:25 GMT

नई दिल्ली: 28 मार्च को किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड (PM-CARES Fund) की स्थापना की थी। उस समय से ही पीएम केयर्स फंड के बारे में पारदर्शिता को लेकर चिंता जताई जाती रही है। इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में RTI अधिनियम के तहत पीएम केयर्स फंड को एक 'सार्वजनिक प्राधिकरण' के तौर पर घोषित करने की मांग करने वाली याचिका पर आपत्ति जताई है।

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इस मामले में विस्तृत जवाब करेंगे दाखिल

वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई सुनवाई में प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश से कहा कि वह इस मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे कि इस याचिका पर विचार क्यों नहीं किया जाना चाहिए।

पीएम केयर्स फंड 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं

वहीं हाई कोर्ट अब मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को करेगा। बता दें कि हाई कोर्ट सम्यक अग्रवाल की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्रीय जनसूचना अधिकारी (CPIO) और PMO के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। CPIO और PMO ने अग्रवाल को मांगी गई सूचना को साझा करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि पीएम केयर्स फंड RTI के तहत 'सार्वजनिक प्राधिकरण' नहीं है।

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क्या है मामला?

इस याचिका में CPIO के आदेश को अलग करने और आरटीआई आवेदन में उन्होंने जिन दस्तावेज को मांगा है, उन्हें उपलब्ध कराने के लिए निर्देश देने की मांग की गई। एक मई को याचिकाकर्ता ने एक RTI के तहत पीएम केयर्स फंड के ट्रस्ट के दस्तावेज, जिस पर फंड का गठन हुआ वह पत्र/ दस्तावेज, इसके अलावा नोट शीट, पत्र, संचार मेमो और आदेश या पत्र की प्रति मांगी थी। वहीं CPIO और PMO ने इन जानकारियों को देने से मना कर दिया।

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