पालघर हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग, बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
पालघर हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की जा रही है। इसको लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
बीते दिनों महाराष्ट्र के पालघर में हुई हिंसा को लेकर देश का माहौल लगातार गर्म है। पालघर में हुई इस हिंसा में दो साधुओं की पीट-पीट कर कर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पूरे देश में इस मामले ने तूल पकड़ लिया था। कुछ लोगों ने इस मामले को लेकर उद्धव सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। अब इस हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की जा रही है। इसको लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
पुलिस ने किया 101 लोगों को गिरफ्तार
देश में फैले कोरोना वायरस के हाहाकार के बीच अभी कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं पर हुई हिंसा ने देश में पूरे माहौल को गर्म कर दिया था। इस घटना कम सामने आते ही लोगों ने इसे साम्प्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया। फिलहाल अब कुछ लोगों द्वारा इसकी जांच एनआईए से कराने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है। कई लोगों द्वारा इस घटना पर हिन्दू मुस्लिम किया जाने लगा। ये मामला इतने पर ही नहीं रुका। इस घटना को राजनीति के रंग में रंगते देर नहीं लगी। और तुरंत ये घटना सियासत की गलियों की प्रमुख चर्चा और मुद्दा बन गई।
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विरोधियों ने इस घटना को लेकर महाराष्ट्र की ऊधव सरकार पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। लेकिन जल्द ही राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सामने आकर बताया कि इस घटना में कोई भी मुस्लिम व्यक्ति शामिल नहीं है। गृह मंत्री ने बताया कि पुलिस ने इस घटना के आरोप में जिन 101 लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें एक मुस्लिम शामिल नहीं है। लेकिन अभी भी इस घटना पर राजनीति गरम है। भले ही राज्य गृह मंत्री कुछ और ही कह रहे हों।
बीजेपी ने लगाया एनसीपी पर आरोप
घटना को लेकर मामला बढाते हुए भाजपा की ओर से इस घटना का आरोप एनसीपी और कम्युनिस्ट पार्टी पर लगाया गया। महाराष्ट्र विधान परिषद् में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने वीडियो फुटेज दिखाते हुए कहा कि ये लोग एनसीपी और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हैं। प्रवीण दरेकर ने राज्य गृह मंत्री के बयान पर कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने 101 आरोपियों की सूची जारी कर यह बताने की कोशिश की है कि इसमें कोई मुस्लिम नहीं है। लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया कि जो सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे हैं, वे कौन हैं और किससे संबंधित हैं।
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बीजेपी नेता प्रवीण दरेकरने पत्रकारों से सोशाल मीडिया बात करते हुए भी कहा कि सीसीटीवी फुटेज में एनसीपी के जिला परिषद सदस्य काशीराम चौधरी, पंचायत समिति सदस्य सीताराम चौधरी, कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता सुनील रावते, रामदास असारे आदि दिख रहे हैं। दरेकर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की यदि गृह मंत्री देशमुख द्वारा इन लोगों का नाम जाहिर कर दिया जाए तो पता चल जाएगा की ह्त्या में हाथ किसका है। लेकिन सरकार इन हत्यारों को बचाना चाह रही है।
ये है पूरा मामला
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गौरतलब है कि 16 अप्रैल की रात जब दो साधू और उनका ड्राइवर किसी परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे थे। उनके वाहन को पालघर जिले के एक गांव के पास रोक लिया गया जहां भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में तीनों को कार से बाहर निकाला और उनकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतकों की पहचान महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशीलगिरि महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई। फिलहाल इस मामले पर राजनीति भी तेज है। राजनीतिक पार्टियां एकदूसरे पर लगातार आरोप प्रत्यारोप कर रही हैं। बीजेपी की ओर से घटना को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।