साईं के दर्शन से बनेगी बिजली, श्रद्धालुओं के पैरों से दबने वाले पैडल उत्पन्न करेंगे ऊर्जा

जब आप उस पैडल से गुजरेंगे तो वह दब जाएगा और फिर वह अपनी स्थिति में वापस लौट आएगा। इससे बिजली पैदा होगी। इस बिजली से मंदिर क्षेत्र में बल्ब जलेंगे और पंखा चलेगा।

Update: 2017-06-02 20:23 GMT

मुंबई: शिरडी के श्रद्धालु अब सिर्फ साईं के दर्शन कर अपनी मनोकामना ही नहीं पूरी करेंगे बल्कि अनजाने ही बिजली उत्पादन में भी मदद करेंगे। शिरडी में ऊर्जा पैडल लगाये जाएंगे, जो यहां श्रद्धालुओं की चहलकदमी और आवाजाही से ऊर्जा हासिल करेंगे। शिरडी ट्रस्ट ने इस अनोखी योजना पर काम शुरू कर दिया है। ये योजना भी उस कार्यक्रम का हिस्सा है जो अगले साल होने वाले साईबाबा समाधि शताब्दी उत्सव के लिए ट्रस्ट की तरफ से अमल में लाए जाएंगे।

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दर्शन से बिजली

साईबाबा की समाधि पर प्रतिदिन करीब 50,000 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शिरडी साईबाबा संस्थान ट्रस्ट (एसएसएसटी) के अध्यक्ष सुरेश हवारे ने परियोजनाओं की जानकारी देते हुए कहा, 'हम ऊर्जा पैडल लगाएंगे। जब आप उस पैडल से गुजरेंगे तो वह दब जाएगा और फिर वह अपनी स्थिति में वापस लौट आएगा। इससे बिजली पैदा होगी। इस बिजली से मंदिर क्षेत्र में बल्ब जलेंगे और पंखा चलेगा।'

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शताब्दी उत्सव के लिए ट्रस्ट कई परियोजनाएं ला रहा है। इन्हीं में आइएएस अकादमी भी है। इस अकादमी में उन परिवारों के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी जो एसटी और वंचित तबके के हैं, या कर्ज के कारण जिन किसानों ने आत्महत्या कर ली है।

जरूरतमंदों की मदद

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिरडी में स्थित इस समाधि स्थल पर अगले साल अक्टूबर में शताब्दी महोत्सव मनाया जाएगा। समारोह 1 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक आयोजित होगा। शिरडी समाधि की प्रबंधन समिति ने इस दौरान कई जनकल्याण के काम शुरू करने की घोषणा की है। इसमें टाटा ट्रस्ट की मदद से 100 बेड के कैंसर अस्पताल की स्थापना भी शामिल है। एक साल में बनने वाले इस अस्पताल पर 125 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

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इसके अलावा आत्महत्या करने वाले किसान परिवार के बच्चों और महिलाओं को मदद देने की योजना पूरी हो गई है। इसके लिए एक एनजीओ की मदद से शिरडी ट्रस्ट ने 600 परिवारों की पहचान की है।

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