अगर ऐसा है तो तुरंत कराए जांच, ये भी हो सकता है कोरोना का लक्षण
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है। इसी क्रम में अमेरिका के कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंट्रॉलजी की तरफ से इस वायरस के फैलने के कारणों और इसकी पहचान...
नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है। इसी क्रम में अमेरिका के कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंट्रॉलजी की तरफ से इस वायरस के फैलने के कारणों और इसकी पहचान को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया गया है।
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अमेरिका के इस संस्थान में दुनिया भर के हजारों डॉक्टर्स काम करते हैं। ये डॉक्टर्स वुहान के कोरोना वायरस के अलावा अमेरिका और अन्य देशों के भी कुछ मामलों की स्टडी कर रहे हैं। स्टडी में इन डॉक्टर्स ने पाया कि कोरोना वायरस में सिर्फ सांस संबंधी ही नहीं है बल्कि पाचन तंत्र जैसे डायरिया के लक्षण भी अहम हैं।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है..
अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रेसीडेंट डॉक्टर मार्क पोचपिन ने कहा, 'हमें वुहान, इटली और अन्य जगहों से आ रही जानकारी मिल रही है जिससे पता चलता है कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (पाचन तंत्र) की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।'
सीडीसी(Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार कोरोना वायरस के ज्यादातर लक्षण बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ हैं लेकिन डॉक्टर पोचपिन का कहना है कि इसके अलावा अन्य लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए।
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डॉक्टर पोचपिन ने कहा, 'इसकी पहचान करना जरूरी है कि कोविड 19 के शुरुआती लक्षणों में डायरिया भी एक आम लक्षण है लेकिन बुखार और सांस संबंधी दिक्कतों के अलावा लोग इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं जबकि लोगों को इसके बारे में भी पता होना चाहिए।
ये जानकारी अपने आप में महत्वपूर्ण हैं क्योंकि डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण ही अहम हैं और जानकारी के अभाव में कुछ मामले सामने आने से छूट सकते हैं।डॉक्टर पोचपिन के अनुसार वुहान में कोरोना वायरस के 200 मामलों में से 50 फीसदी मामले ऐसे थे जिनमें सांस संबंधी दिक्कत से पहले डायरिया के लक्षण देखे गए थे।
डायरिया को हल्के में न ले...
डॉक्टर पोचपिन ने कहा, 'डायरिया बहुत आम लक्षण है। हमें इससे घबराना नहीं चाहिए लेकिन इसको हल्के में भी नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर पोचपिन ने कहा, 'यह वायरस मल में भी पाया जाता है। बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद हम आमतौर पर दरवाले के हैंडल को पकड़ते हैं जिससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए लोगों को बार-बार हाथ धोने के लिए कहा जा रहा है।
डॉक्टर पोचपिन का कहना है कि यह वायरस कैसे होता है और कैसे फैलता है, यह समझना बहुत जरूरी है।कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंट्रॉलजी को उम्मीद है कि सीडीसी इन निष्कर्षों पर गौर करेगा और पाचन तंत्र से संबंधित रोगियों की पहचान कर उनकी निगरानी करेगा।