नितिन गडकरी और त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में ठनी

उत्तराखंड में सड़क निर्माण से जोड़े केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट्स को लेकर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखंड सरकार में ठन गई है। गडकरी यह चाहते हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार सड़क निर्माण से जुड़े मामलों को जांच में उलझाने के बजाय विकास पर ध्यान दें। वहीं इस मुद्दे पर चुनाव लड़कर जीत कर आए त्रिवेंद्र मामले की सीबीआई जांच पर अड़ गए हैं।

Update:2018-01-15 12:48 IST

देहरादून: उत्तराखंड में सड़क निर्माण से जुड़े केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट्स को लेकर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखंड सरकार में ठन गई है।

गडकरी यह चाहते हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार सड़क निर्माण से जुड़े मामलों को जांच में उलझाने के बजाय विकास पर ध्यान दें। वहीं इस मुद्दे पर चुनाव लड़कर जीत कर आए त्रिवेंद्र मामले की सीबीआई जांच पर अड़ गए हैं।

एनएच 74 घोटाला

साल 2017 में कुमाऊं में एनएच 74 घोटाला राज्य में सबसे बड़ा घोटाला माना गया था। इस घोटाले ने जहां पूर्व की हरीश सरकार पर सवाल खड़े किए थे। सत्ता संभालने के तुरंत बाद भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का वादा सुदृढ़ करने के मकसद से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही इस घोटाले को खुद प्रदेश से सामने लेकर आए थे। सीएम ने दोषियों को न केवल पकड़ने की बात की थी बल्कि सीबीआई जांच करवाने के बाद घोटालेबाजों को जेल में कैद करने की बात भी कही थी। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए पूर्व की सरकार पर हमला बोला था।

विकास पर करें फोकस

सूत्र बताते हैं कि जीरो टॉलरेंस मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की राह में सबसे बड़ी बाधा गडकरी के रूप में सामने आ गई है। हाल में उत्तराखंड दौरे पर आए गडकरी ने इस मामले पर अलग से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र से भी बात की और उनसे जांच की लाइन से हटकर विकास पर फोकस करने को कहा है। यही कारण है कि नौ महीने बीतने के बाद भी ना तो इस घोटाले में किसी बड़े राजनेता का नाम ही सामने आ पाया और ना ही त्रिवेंद्र सरकार इस मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति करवा पाई है।

170 करोड़ का घपला पाया

राष्ट्रीय राजमार्ग 74 जोकि दिल्ली से रुद्रपुर होते हुए कुमाऊं को जोड़ता है। यहां पर हाई-वे को लेकर कार्य होना था। काम की लागत भी करोड़ो में थी। मार्च में सरकार बनने के बाद यह पहला घोटाला सामने आया जिसमें सबसे पहले तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर सेंथिल पांडियन ने अकेले ही जांच कर शुरुआती दौर में एनएच 74 घोटाले में 170 करोड़ का घपला पाया। इस मामले में एफआइआर कर दी। जांच जैसे आगे बढ़ी तो घोटाले की आंच पीसीएस अफसरों से लेकर केंद्र तक पहुंचने लगी, क्योंकि NH का कार्य केंद्र के ही पास था। यहीं से त्रिवेंद्र के लिए दिक्कतों की शुरुआत हो गई।

गडकरी ने जाहिर की नाखुशी

उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण में धांधली की सीबीआई से जांच कराने के राज्य सरकार के फैसले पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नाखुशी जाहिर करते हुए इसे वापस लिये जाने के लिए पत्र लिख दिया है। गडकरी ने प्रदेश सरकार को यह भी चेताया है कि यदि मामले की सीबीआई जांच होती है तो राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग का काम लटक सकता है। यह उत्तराखंड को परोक्षतः परिणाम भुगतने की चेतावनी है। मि. क्लीन त्रिवेंद्र को अब न तो उगलते बन रहा है न निगलते।

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