Caretaker DGP In 8 State: सुप्रीमकोर्ट के आदेश का तोड़ हैं "कार्यवाहक डीजीपी", चला रहे 8 राज्यों में कामकाज
Caretaker DGP In 8 State: यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल में कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती है। यहां पूर्णकालिक डीजीपी नहीं हैं। ये हाल तब है जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को किसी भी स्थिति में कार्यवाहक डीजीपी न तैनात करने का आदेश दिया है।
Caretaker DGP In 8 State: कम से कम आठ राज्यों में पुलिसिंग टेम्परेरी व्यवस्था पर चल रही है। इन राज्यों में यूपी भी शामिल है। इन आठ राज्यों की पुलिसिंग कार्यवाहक डीजीपी के भरोसे है।
किन राज्यों में हैं कार्यवाहक डीजीपी
यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल में कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती है। यहां पूर्णकालिक डीजीपी नहीं हैं। ये हाल तब है जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को किसी भी स्थिति में कार्यवाहक डीजीपी न तैनात करने का आदेश दिया है।
यूपी का हाल
यूपी में स्थायी डीजीपी की तैनाती पिछले डेढ़ साल से नहीं हो पा रही है। यूपी के डीजीपी विजय कुमार 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। लेकिन अभी स्थायी डीजीपी की तस्वीर साफ नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
जरा पीछे चलते हैं। यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की पुलिस सुधार को लेकर की गई याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी के जरिए डीजीपी की तैनाती को लेकर आदेश किया था। कई राज्यों ने इस आदेश को माना ही नहीं। 12 साल बाद यानी 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा कि राज्यों को डीजीपी के चयन के लिए नामों की लिस्ट यूपीएससी को भेजनी ही पड़ेगी। लेकिन फिर भी राज्य नहीं माने।
पहला कार्यवाहक डीजीपी
सुप्रीमकोर्ट के आदेश को बाईपास करने के लिए राज्यों ने जुगाड़ निकाला और फरवरी 2022 में आंध्र प्रदेश कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती की गई। ये थे राजेंद्र रेड्डी। इसके बाद यूपी ने यही फार्मूला अपनाया और मई 2022 में डॉ. डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया और यह सिलसिला अभी तक जारी है। वर्तमान में करीब डेढ़ साल के दौरान यूपी में तीसरे कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती है।
सुप्रीमकोर्ट में याचिका
यूपी और पंजाब में कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने अपनी ही याचिका में कुछ और संशोधन के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। अभी इसपर सुनवाई होना बाकी है।
दरअसल सरकारें और सत्तासीन पार्टियां चाहती हैं कि पुलिस उनकी कठपुतली रहे। पुलिस पर टोटल कंट्रोल कोई छोड़ना नहीं चाहता है। सुप्रीमकोर्ट के आदेश की अवहेलना का शॉर्ट कट कार्यवाहक के रूप में अपनाया जा रहा है। प्रकाश सिंह की मूल याचिका के आधार पर सुप्रीमकोर्ट के आदेश निर्देश अब तक यूं ही पड़े हुए हैं।