पीओके पर सेना प्रमुख के बयान पर अजमेर के दिवान ने कही ये बड़ी बात

अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के पीआके पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा...

Update:2020-01-12 17:54 IST

अजमेर शरीफ । अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के पीआके पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब सेना तैयार है तो किस बात का है इंतजार। दीवान ने कहा कि भारतीय संसद को सेना को आदेश देना चाहिए कि वह पीओके को भारत में सम्मिलित करे।

अजमेर दरगाह दीवान साहब ने पीओके पर दिया बयान

जमेर दरगाह दीवान साहब ने कहा की भारत की संसद ने 1994 में प्रस्ताव पारित करके स्पष्ट कहा था की पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है तो अब समय आ गया है कि भारत अपने इस अभिन्न हिस्से को वापस लाकर कश्मीर को सम्पूर्ण कश्मीर बनाए, बल्कि अखंड कश्मीर का सपना भी पूरा करे।

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भारत का हर नागरिक भारत सरकार और भारतीय सेना के साथ है

उन्होंने कहा कि भारतियों के लिए वो ऐतिहासिक दिन होगा जब पीओके का विलय भारत में हो जाएगा। दरगाह दीवान ने कहा की आज भारत का हर नागरिक भारत सरकार और भारतीय सेना के साथ है। सेना के हर कदम पर भारत का हर नागरिक उन के साथ खड़ा मिलेगा।

बता दें कि सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को कहा था कि यदि सेना को संसद से आदेश मिलता है तो वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीआके) को अपने नियंत्रण में ले सकती है। अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के दीवान का बयान इसी संदर्भ में आया है।

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सैयद जैनुल आबेदीन भारत की अपेक्स कोर्ट के अनुसार ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (ख़्वाजा गरीब नवाज) द्वारा स्थापित अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान (आध्यात्मिक खादिम) हैं। वह ख्वाजा गरीब नवाज के उत्तराधिकारी हैं और उन्हें दरगाह दीवान के नाम से भी जाना जाता है।

उद्धव ठाकरे ने अजमेर के दिवान को भारत रत्न देने की मांग की

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सैयद जैनुल आबेदीन 22 वीं पीढ़ी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के पोते के रूप में प्रत्यक्ष वंशज हैं। वे धार्मिक और राष्ट्रीय राजनीतिक मामलों में भारत और विदेशों में विभिन्न तीर्थस्थलों और अन्य स्थानों पर सार्वजनिक रूप से आते और बोलते रहते हैं।

वहीं शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मौजूदा सीएम उद्धव ठाकरे ने उनके बारे में कहा था कि उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए।

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