CEC Rajiv Kumar: जानें कौन हैं नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, अपने इन फैसलों से रहे सुर्खियों में
राजीव कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। राजीव कुमार 15 मई 2022 को अपना कार्यभार संभालेंगे। नए चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, सुशील चंद्रा की जगह लेंगे।
Chief Election Commissioner Rajiv Kumar : भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने गुरुवार,12 मई को राजीव कुमार को देश का नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है।
राजीव कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner Rajiv Kumar) नियुक्त किया गया है। राजीव कुमार 15 मई 2022 को अपना कार्यभार संभालेंगे। नए चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) की जगह लेंगे।
कौन हैं CEC राजीव कुमार?
भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) के 1984 बैच के अधिकारी हैं। इन्होंने साल 2020 के 1 सितंबर को चुनाव आयोग (Election Commission) में चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) के रूप में पदभार संभाला था। चुनाव आयोग में कार्यभार संभालने से पहले राजीव कुमार 'उद्यम चयन बोर्ड; के अध्यक्ष थे। वो अप्रैल 2020 में अध्यक्ष पीईएसबी (PESB) के रूप में शामिल हुए थे। जानकारी के लिए बता दें कि, राजीव कुमार बिहार-झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। ये 2020 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से रिटायर हुए थे।
शिक्षा-दीक्षा और करियर
चुनाव आयोग (Election Commission) की साइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, राजीव कुमार का जन्म 19 फरवरी 1960 को हुआ था। इन्होंने बीएससी (BSC), एलएलबी (LLB), पीजीडीएम (PGDM) और एमए पब्लिक पॉलिसी (MA Public Policy) की अकादमिक डिग्री (Academic Degree) हासिल की है। राजीव कुमार ने अपने करियर के महत्वपूर्ण 36 साल से अधिक समय भारत सरकार की सेवा में दिए हैं। इस दौरान उन्होंने सामाजिक क्षेत्र (Social Sector), पर्यावरण और वन, मानव संसाधन मंत्रालय, वित्त और बैंकिंग क्षेत्र (Finance and Banking Sector) में केंद्र तथा राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालयों (Ministries) में काम किया।
बैंकिंग, बीमा और पेंशन सुधारों पर किया काम
केंद्र सरकार के वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services) के वित्त सह-सचिव के रूप में भी उन्होंने काम किया। इस विभाग में अपने कार्यकाल के दौरान यानी सितंबर 2017 से फरवरी 2020 (जब रिटायर हुए) तक उन्हें बैंकिंग, बीमा और पेंशन सुधारों को देखने का जिम्मा सौंपा गया था।
कार्यकाल के दौरान कई अहम फैसले लिए
चुनाव आयोग के मुताबिक, राजीव कुमार ने वित्तीय सेवा क्षेत्र का पर्यवेक्षण (Observation) किया। इसके साथ ही, अन्य बातों के अलावा प्रमुख सुधारों को शुरू करने में अहम भूमिका निभाई। इस दौरान, मान्यता, पुनर्पूंजीकरण (Recapitalization), संकल्प और सुधार के व्यापक दृष्टिकोण के अलावा बैंकिंग सुधार किया। राजीव कुमार ने फर्जी इक्विटी बनाने के इस्तेमाल में आने वाली करीब 3.38 लाख शेल कंपनियों (shell companies) के बैंक खाते फ्रीज (bank account freeze) करने जैसे कदम भी उठाए। उनके इस फैसले ने तब खूब सुर्खियां बटोरी थी।