डॉ. कफील के पीछे क्यों लगाई गई STF, DGP ने बताई वजह
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपीएसटीएफ) ने डॉ. कफील खान को मुंबई से बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया है। डॉ. कफील को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
मुंबई: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपीएसटीएफ) ने डॉ. कफील खान को मुंबई से बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया है। डॉ. कफील को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के मामले में दर्ज है केस
13 दिसंबर को अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के मामले में कफील के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पुलिस के मुताबिक, एफआईआर दर्ज होने के बाद से वह फरार चल रहा था। वहीं अब कफील खान की गिरफ्तारी के लिए यूपी एसटीएफ लगाने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। यूपी के DGP ओपी सिंह ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि, कफिल की न्यायिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी हुई है।
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यूपी एसटीएफ को दी गई थी कफील की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी- DGP
DGP ओपी सिंह ने कहा कि डॉ. कफील खान को भड़काऊ भाषण देने की वजह से गिरफ्तार किया गया है। कफील खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। हम लोग कफिल को ट्रैक कर रहे थे। यूपी एसटीएफ को उनकी गिरफ्तारी का काम दिया गया था।
न्यायिक प्रक्रिया के तहत हुई गिरफ्तारी- DGP
उन्होंने कहा कि, डॉ. कफील खान के मुंबई में होने की सूचना मिलते ही हमारी टीम ने वहां से उनकी गिरफ्तारी की। DGP ओपी सिंह ने कहा कि कफिल खान की पूरी न्यायिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी हुई है और उन्हें अलीगढ़ लाया जाएगा। मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
मुझे उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं- कफील खान
वहीं गिरफ्तारी के बाद कफील खान ने कहा कि, मुझे गोरखपुर के बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी और अब वे (सरकार) मुझे फिर से आरोपी बनाना चाहती है। कफील खान ने कहा कि मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे महाराष्ट्र में रहने दें। मुझे यूपी पुलिस पर विश्वास नहीं है।
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12 दिसंबर को AMU में दिया था भड़काऊ भाषण
बता दें कि डॉ. कफील ने पिछले साल 2019 में 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में करीब 600 छात्रों को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विवादित भाषण दिया था। कफील ने कहा था कि, नागरिकता संशोधन कानून मुसलमानों को सेकंड क्लास का नागरिक बनाता है और एनआरसी लागू होते ही लोगों को प्रताड़ित किया जाना शुरू हो जाएगा। इस विवादित बयान के बाद से ही अलीगढ़ पुलिस उन्हें तलाश रही थी। डॉ. कफील खान के खिलाफ 13 दिसंबर को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 153-ए के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी
‘मुंबई बाग’ के प्रदर्शन में शामिल होने गया था- कफील खान
वहीं कफील का कहना है कि वह फरार नहीं था बल्कि मुंबई बाग में सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गया था। बता दें कि मुंबई के ‘मुंबई बाग’ में महिलाएं शाहीन बाग की तर्ज पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
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