डॉ. संदीप घोष पर हुई बड़ी कार्रवाई, Kolkata Doctor Murder Case पर IMA ने रद्द की सदस्यता

Kolkata Doctor Murder Case: जूनियर डाक्टर की रेप-हत्या मामले में आईएमए ने बुधवार को डॉक्टर संदीप घोष की सदस्या रद्द कर दिया है। यह फैसला आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन द्वारा विधिवत गठित अनुशासन समिति ने सर्वसम्मति से लिया।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-08-28 13:03 GMT

Kolkata Doctor Murder Case (सोशल मीडिया) 

Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता के अस्पताल में 31 साल की डॉक्टर से रेप-बलात्कार मामले में देश भर में बवाल मचा हुआ है। इस घटना को लेकर अब बंगाल के छात्रों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ ‘नवान्न मार्च’ अभियान का मोर्चा खोल दिया और इस्तीफे की मांग को लेकर मंगलवार से कोलकाता की सड़कों पर उतरे हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों को बंगाल के जूनियर डॉक्टरों का भी समर्थन मिला है और बुधवार को ये डॉक्टर न्याय की मांग को लेकर मार्च निकाला है। इस घटना का मुख्य आरोपी सीबीआई की हिरासत में तो है, ही साथ मेडिकल के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं और वह केंद्रीय जांच एजेंसी नजर में हैं। इस घटनाक्रम के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने घटना के कथित आरोपी एवं पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष को लेकर बड़ा कदम उठाया है।

डॉक्टर संदीष घोष की रद्द हुई सदस्यता

मिली जानकारी के मुताबिक, जूनियर डाक्टर की रेप-हत्या मामले में आईएमए ने बुधवार को डॉक्टर संदीप घोष की सदस्या रद्द कर दिया है। यह फैसला आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन द्वारा विधिवत गठित अनुशासन समिति ने सर्वसम्मति से लिया। अनुशासन समिति ने आरजी कर मेडिकल अस्पताल पूर्व पूर्व प्रिंसिपल और आईएमए कलकत्ता शाखा के उपाध्यक्ष डॉ. संदीप घोष की सदस्यता निलंबित करने का निर्णय लिया है। आईएमए ने यह फैसला सीबीआई द्वारा संदीप घोष पर पॉलीग्राफ टेस्ट किए के जाने के कुछ दिनों बाद आया है।


संदीष घोष पॉलीग्राफ टेस्ट, सीबीआई इन सवालों के पीछे

बीते शुक्रवार को अदालत की मंजूरी मिलने के बाद नई दिल्ली से विशेषज्ञों की एक टीम डॉक्टर संदीप घोष पर पॉलीग्राफ टेस्ट करने के लिए कोलकाता पहुंची और उनका पॉलीग्राफ टेस्ट किया। हालांकि टेस्ट में कथित आरोपी संदीष घोष के क्या बयान रिकॉर्ड किए गए, यह जानकारी सामने नहीं आई। उधर, सूत्रों की मानें तो सीबीआई घोष द्वारा किए गए या प्राप्त किए गए फोन कॉल्स को ट्रैक करके जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन कॉल्स के दौरान बातचीत के दौरान वास्तव में क्या हुआ था। साथ ही, केंद्रीय जांच एजेंसी ये भी पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि घटना (9 अगस्त) की अगली सुबह क्या घोष ने किसी को कोई जानकारी दी थी या किसी को ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बारे में कोई निर्देश दिया था।

सीबीआई के साथ केस में ईडी भी आई

वहीं, इस मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी आई गई है। ईडी 2021 से सरकारी अस्पताल में कथित रिश्वतखोरी और अनियमितताओं के लिए संदीप घोष के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की है। ईडी ने कोलकाता पुलिस और सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर पीएमएलए के तहत अपनी जांच दर्ज की है। सीबीआई ने पहले घोष और अस्पताल में काम करने वाले कुछ ठेकेदारों से जुड़े कोलकाता में कई ठिकानों पर तलाशी ली थी।

ये दो मामले हुए दर्ज

एजेंसी ने दो मामले दर्ज किए हैं। इसमें एक डॉक्टर के बलात्कार-हत्या की जांच के लिए और दूसरा अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच का मामला दर्ज हुआ है। ईडी घोष और उनके सहयोगियों की 2021 से निजी संस्थाओं को दिए गए सभी ठेकों के लिए जांच की जाएगी।

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