आर्मी का दमदार हथियार: बिना थके जवान दागेंगे गोलियां, आखिरी ट्रायल सफल

डीआरडीओ की तैयार की प्रोटेक्टिव कार्बाइन का हाल ही में किया गया आखिरी परीक्षण भी सफल रहा। प्रोटेक्टिव कार्बाइन के परीक्षण में हथियार ने ट्रायल्स के आखिरी दौर में प्रवेश कर लिया है।

Update:2020-12-10 20:32 IST

नई दिल्ली. भारतीय सेना की ताकत लगातार बढ़ाने के लिए डीआरडीओ हथियारों, मिसाइलों का ट्रायल कर रही है। इसी कड़ी में डीआरडीओ ने मिमीकी प्रोटेक्टिव कार्बाइन तैयार किया है, जिसका हाल ही में आखिरी परीक्षण किया गया। ये परीक्षण सफल रहा है। ऐसे में सेना में शामिल होने के लिए प्रोटेक्टिव कार्बाइन तैयार है।

प्रोटेक्टिव कार्बाइन का ट्रायल सफल

डीआरडीओ की तैयार की प्रोटेक्टिव कार्बाइन का हाल ही में किया गया आखिरी परीक्षण भी सफल रहा। प्रोटेक्टिव कार्बाइन के परीक्षण में हथियार ने ट्रायल्स के आखिरी दौर में प्रवेश कर लिया है। इस बात की जानकारी रक्षा मंत्रालय ने देते हुए बताया कि ये गर्मियों में बड़े तापमान और सर्दियों में यूजर ट्रायल्स की श्रंखला का आखिरी दौर था। मंत्रालय ने बताया कि प्रोटेक्टिव कार्बाइन मापदंडों पर खरा उतरा है।

हथियार की ये है खासियत

ऐसे में अब प्रोटेक्टिव कार्बाइन के सेना में शामिल होने का रास्ता भी साफ़ हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानि JPVC एक गैस चलति सेमी ऑटोमैटिक हथियार है। 3 किलोग्राम वजनी यह हथियार 100 मीटर की रेंज तक गोलियां दाग सकता है। इसकी फायरिंग की क्षमता 700 आरपीएम की दर तक हो सकती है।

डीआरडोओ ने बनाया कार्बाइन हथियार

बता दें कि कार्बाइन को डीआरडोओ की पुणे स्थित लैब आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) में बनाया गया है। इसे भारतीय सेना के जीएसक्यूआर के आधार पर डिजाइन किया गया है। गौरतलब है कि कार्बाइन हथियार पहले ही MHA ट्रायल्स को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है।

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जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन को एक हाथ से चला सकते हैं जवान

इस हथियार के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए डीआरडीओ ने बताया कि जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन कम रेंज के ऑपरेशन्स के लिए एक खास कैलीबर हथियार है। इसकी खासियत है कि लगातार गोलीबारी के दौरान सैनिक इसे आराम से संभाल सकते है। ये इतनी हल्की है कि जवान केवल एक हाथ से भी आराम से फायरिंग कर सकते हैं।

भारतीय सेना को लंबे समय से इसी तरह के हथियार की जरूरत थी। ध्यान देने वाली बात है कि यूपी की राजधानी लखनऊ में हुए डिफेन्स एक्स्पो में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका अनावरण किया था।

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