PAK: पाकिस्तान में खूंखार आईएसआई एजेंट आमिर हमजा की हत्या, इस आतंकी हमले का था मास्टरमाइंड
PAK: पंजाब सूबे के झेलम जिले में कार से जाते समय हमजा को दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार अज्ञात बंदूकधारियों ने लिल्लाह इंटरजेंच के पास घेर लिया और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
PAK: पाकिस्तान में आतंकियों के दिन लदते जा रहे हैं। एक के बाद एक आतंकी मारे जा रहे हैं। इससे आतंकियों में दहशत है। पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर आमिर हमजा की भी सीक्रेट शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी है। उन पर हमला उस समय किया गया जब वो अपने परिवार के साथ पंजाब सूबे के झेलम जिले में अपनी कार से जा रहा था। उसी दौरान दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार अज्ञात बंदूकधारियों ने लिल्लाह इंटरजेंच के पास उसकी कार को घेरा और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। रिटायर्ड ब्रिगेडियर मौके पर ही मारा गया और वहीं उसकी पत्नी और बेटी घायल हो गए।
शार्प शूटर्स ने जब ये यकीन कर लिया कि आमिर हमजा मारा गया है तो उसके बाद वहां से चले गए। वहीं पंजाब की पुलिस ने इसे टारगेटेड किलिंग कहा है। रिटायर्ड ब्रिगेडियर आमिर हमजा आईएसआई का खूंखार जासूस और हिंदुस्तान का बहुत बड़ा दुश्मन था। वह 10 फरवरी, 2018 को जम्मू के सुनजुवान कैंप पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था। उसके निर्देशन में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी सेना कैंप के फैमिली एरिया में दाखिल हो गए थे। इन आतंकियों के सफाए में भारतीय सेना को तीन दिन लग गए थे। इस हमले में हमारे सेना के छह जवान शहीद हो गए थे। 26/11 मुंबई हमले के आरोप में भी मौलाना आमिर हमजा मोस्ट वांटेड था। 2012 में इस खतरनाक आतंकी को अमेरिका ने वैश्विक आतंकी घोषित किया था। वो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला का रहने वाला था। वह वहीं से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।
हमजा के भाई ने जताई हैरानी, उसे कोई क्यों मारेगा
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने आमिर हमजा के भाई मोहम्मद अयूब के हवाले से लिखा है कि बंदूकधारियों ने कोई लूटपाट नहीं की है। आमिर हमजा की किसी से दुश्मनी नहीं थी। ऐसे में कोई उसे क्यों मारेगा, इसे लेकर उसके परिवार के लोग भी हैरान हैं। वैसे ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में बैठा हिंदुस्तान का दुश्मन रहस्यमयी ढंग से मारा गया। इससे पहले भी भारत के दुश्मन कई आतंकवादी इसी तरह से मारे जा चुके हैं।
पाकिस्तानी दहशतगर्दों को चुन-चुन कर मार रहे हैं शूटर
शार्प शूटर पाकिस्तानी दहशतगर्दों को चुन-चुन कर मार रहे हैं। पिछले साल लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर ख्वाजा शाहिद भी ऐसे ही मारा गया था। पाकिस्तानी पत्रकार और यूट्यूबर आरजू काजमी ने उसकी मौत की जानकारी दी थी। वहीं पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों के हाथों मारा गया था। इसकी बात खुद पाकिस्तान की पुलिस ने मानी थी। उसने कहा था कि पाकिस्तानी दहशतगर्दों को अज्ञात बंदूकधारी चुन-चुन कर मार रहे हैं।
हाफिज को भी अज्ञात बंदूकधारियों का खौफ
पाकिस्तान में इस तरह के हमलों में पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय भारत का हाथ होने के बेबुनियाद आरोप लगाता रहा है। वहीं जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान का इलाज अज्ञात बंदूकधारियों से ही हो सकता है। इसका खौफ हाफिज सईद जैसे आतंकी को भी है। पाकिस्तानी जेल में सरबजीत पर जानलेवा हमला करने वाले आमिर सरफराज को भी अज्ञात बंदूकधारियों ने ही मारा था। इनका ही खौफ है कि अब हाफिज खुलेआम बहुत कम नजर आता है। पाकिस्तान में पिछले कई महीनों से कई खूंखार आतंकियों को अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी।