महाराष्ट्र: नक्सलियों की मदद के आरोप में DU के प्रोफेसर साईंबाबा को उम्रकैद

Update: 2017-03-07 09:26 GMT

नई दिल्ली: गढ़चिरौली की एक अदालत ने मंगलवार (7 मार्च) को एक महत्वपूर्ण फैसले में नक्सलियों को समर्थन देने के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रो. जीएन साईंबाबा को उम्रकैद की सजा सुनाई। इससे पहले कोर्ट ने जीएन साईंबाबा समेत पांच लोगों को यूएपीए एक्ट के तहत दोषी ठहराया था।

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गौरतलब है कि साल 2013 में खुफिया जानकारी के बाद हेममिश्रा और प्रशांत राही को गढचिरौली में गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त पुलिस ने कहा था कि उनके पास से जो कुछ दस्तावेज और माइक्रो चिप बरामद हुए है उनकी जांच से पता चला कि ये दोनों अबूजमाड में वरिष्ठ माओवादी नेताओं से मिलने जा रहे थे। यह भेंट साईंबाबा की मदद से तय हुई थी।

साईंबाबा के घर से जब्त किए थे कागजात

बाद में गढचिरौली पुलिस की एक टीम ने सितंबर 2013 में दिल्ली जाकर साईंबाबा के घर की तलाशी ली। उनके कंप्यूटर की हार्ड डिस्क सहित अन्य कागजात जब्त किए थे। हालांकि प्रो. साईंबाबा शारीरिक रूप से विकलांग हैं। वह व्हीलचेयर पर निर्भर हैं इसलिए उन्हें उस वक्त गिरफ्तार नहीं किया गया था।

कोर्ट में दायर की थी चार्जशीट

इसके अलावा हेममिश्रा और प्रशांत राही से पूछताछ के बाद गढचिरौली पुलिस ने अहेरी कोर्ट में तीनों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। बाद में वह भी पुलिस की गिरफ्त में आए गए थे।

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