गजब है ये अनोखा घर: बिना बिजली के AC जैसा ठंडा रहता हर कमरा

Bangalore Eco House : बेंगलुरु में एक दंपत्ति ने सीमेंट का इस्तेमाल किए बगैर एक ऐसा घर बनाया है जहां बिजली की आवश्यकता नहीं होती है। साथ ही उन्हें पानी के लिए भी कोई पैसा नहीं खर्च करना पड़ता है।

Written By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-06-23 16:14 IST

Eco House in Bangalore (Image Credit : Social Media)

Eco House in Bangalore : आज के दौर में हम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गए हैं। यदि घर में बिजली ना हो तो लगता है मानो कितनी बड़ी परेशानी आ गई हो। आज के दौर में ज्यादातर लोगों के घर पर फ्रीज, एसी और टीबी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जरूर रहते हैं। इस तरह के उपकरणों के कारण देशभर में हर रोज कई हजार किलो वाट बिजली खत्म होती है। इस दौर में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग नहीं करते हैं। बेंगलुरु (Bangalore) में रहने वाले एक दंपत्ति विन्नी खन्ना और उनके पति बालाजी ने ऐसा 'इको हाउस' (Eco House) बनाया है जहां उन्हें बिजली और ऐसी की जरूरत नहीं पड़ती है।

कैसे बना इको हाउस?

विन्नी को अपना इको हाउस बनाने का ख्याल कब आया उनके घर में जरूरत से अधिक प्लास्टिक की चीजें बढ़ने लगी। घर में बढ़ते प्लास्टिक के कचरे को देख विनी ने सोचा क्यों ना इसे रीसायकल किया जाए आखिर इस कचरे से प्रकृति को बेहद नुकसान होता है। साल 2009 में मां बनने के बाद बिन्नी ने बेंगलुरु में घर खरीदने का प्लान किया लेकिन यहां के अपार्टमेंट का कीमत सुनकर उन्होंने अपना मूड बदल लिया।

नए घर की तलाश करते-करते विन्नी और उनके पति बालाजी को 'महिजा' नामक एक फर्म के बारे में पता चला। महिजा फर्म बेंगलुरु में कई सालों से अस्थानी घर बनाने का काम कर रही है। जब बिन्नी के इको हाउस का निर्माण शुरू हुआ तब फर्म ने ऐसे ईटों का इस्तेमाल किया जिसमें लाल मिट्टी, स्टील ब्लास्ट, सीमेंट, चूना पत्थर तथा पानी मिला हुआ था। दीवार बनने के बाद इको हाउस के छत का निर्माण शुरू हुआ। जहां आम घरों में लोहे, स्टील की छड़, सीमेंट और कंक्रीट के साथ मिलाकर लैब बनाकर किया जाता है। वहीं इस हाउस के छत का निर्माण नारियल के गोले, स्क्रैप कीबोर्ड तथा मिट्टी के इस्तेमाल से किया गया।

बता दें इस इको हाउस के निर्माण में सीमेंट का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया है। अब विन्नी के पास घर के साथ ही करीब 1000 फुट का गार्डन भी है जहां विन्नी धनिया, मेथी समेत कई अन्य तरह के औषधि गुण वाले पौधों को भी उगाती हैं। विन्नी ने घर में सजावट के लिए कुछ बहुत पुरानी लकड़ियों को खरीदा और उसे रीसायकल कर उन्होंने घर के सजावट के कई सारे सामान बनाए हैं।

पानी और बिजली पर नहीं खर्च होता पैसा

विन्नी ने पानी पानी के लिए किसी तरह के पैसे का खर्च नहीं करना पड़ता है। उनके घर से थोड़ी दूरी पर स्थित सामुदायिक बोरवेल में बरसात का पानी अच्छी तरह से भर जाता है और इसी पानी से बिन्नी के घर के समीप आसपास के कुलपति घरों में पानी का संचालन होता रहता है। पानी के साथ-साथ विन्नी को बिजली पर भी कोई पैसा नहीं खर्च करना पड़ता है। बिजली के खर्चे से बचने के लिए विन्नी ने अपने घर पर 4.8 किलो वाट का सोलर पैनल लगाया हुआ है। सोलर पैनल की मदद से उनके घर पर बल तथा कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को आराम से बिजली की आपूर्ति हो जाती है। बता दें विन्नी का घर इस तरह डिजाइन किया गया है कि वहां शाम 6:00 बजे के बाद तक बल्ब जलाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है। प्रकाश के अच्छे व्यवस्था के साथ-साथ विन्नी के इस इको हाउस में प्रकृति की शीतलता एब्जॉर्ब करने की बेहतरीन क्षमता है। जिसके कारण इनके यहां AC की आवश्यकता भी नहीं पड़ती। इससे विन्नी को बिजली का लोड भी नहीं पड़ता, साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता है।

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