8.2% की रफ्तार से बढ़ी भारत की GDP, 2025 में ग्रोथ के शुभ संकेत, संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण-2024

Economic Survey 2024: आर्थिक सर्वेक्षण बंद वित्तीय वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की एक व्यापक समीक्षा या वार्षिक रिपोर्ट है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के मार्गदर्शन में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अर्थशास्त्र प्रभाग द्वारा तैयार किया गया।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-07-22 07:29 GMT

Economic Survey 2024 (सोशल मीडिया) 

Economic Survey 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 18वीं लोकसभा के पहले मानसून सत्र के दौरान बजट सत्र में आर्थिक सर्वेक्षण-2024 लोकसभा में पेश किया। आर्थिक सर्वे रिपोर्ट संसद की पटल पर रखते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मोदी सराकर ने कारोबार में सुगमता लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जोकि वैश्विक स्तर पर हो रही उथल पुथल के बीच अच्छे संकेत है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में आर्थिक सर्वेक्षण-2024 पेश किया गया। 

कारोबार में सुगमता लाने के लिए उठाए गए कई कदम

केंद्रीय वित्त मंत्री ने लोकसभा सदन में बताया कि मोदी सरकार कारोबार में सुगमता लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जवाब में करीब 11 कदमों का उल्लेख किया गया है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है 63 अपराधों को गैर-अपराधीकरण करना, जिसके परिणामस्वरूप आज कंपनियां अनुपालन की चिंता किए बिना अपना काम कर पा रही हैं। एक केंद्रीय प्रसंस्करण प्रणाली भी स्थापित की गई है। 476 पन्नों के आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज के हवाले से वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने में लचीलापन प्रदर्शित करते हुए मजबूत स्थिति में है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड के बाद की रिकवरी को मजबूत किया है। इसमें नीति निर्माताओं, राजकोषीय और मौद्रिक, आर्थिक और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की है।

रिकवरी के लिए घरेलू मोर्च पर मेहनत की जरूरत

वैश्विक अस्थिरता का संकेत देते हुए सरकार ने कहा कि उच्च विकास आकांक्षाओं वाले देश के लिए परिवर्तन ही एकमात्र स्थिरता है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि रिकवरी को बनाए रखने के लिए, घरेलू मोर्चे पर कड़ी मेहनत करनी होगी, क्योंकि व्यापार, निवेश और जलवायु जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर समझौते तक पहुंचना असाधारण रूप से कठिन हो गया है।

महंगाई कंट्रोल में

सर्वेक्षण में सरकार ने बताया कि सार्वजनिक निवेश ने पिछले कई वर्षों में पूंजी निर्माण को बनाए रखा है, जबकि निजी क्षेत्र ने अपनी बैलेंस शीट की समस्याओं को दूर किया है और वित्त वर्ष 22 में निवेश करना शुरू किया है। सर्वेक्षण दस्तावेज़ के अनुसार "वित्त वर्ष 2024 में उच्च आर्थिक वृद्धि पिछले दो वित्तीय वर्षों में 9.7 प्रतिशत और 7.0 प्रतिशत की वृद्धि दर के बाद आई है। मुख्य मुद्रास्फीति दर काफी हद तक नियंत्रण में है, हालांकि कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति (महंगाई) दर अधिक है। वित्त वर्ष 2024 में व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2023 की तुलना में कम था, और वर्ष के लिए चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 0.7 प्रतिशत है। चालू खाते ने वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में अधिशेष दर्ज किया।

बेरोजगारी में आई गिरावट

वित्त मंत्री ने कहा, भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है। आर्थिक सर्वे के अनुसार, सामान्य मानसून की उम्मीदें, आयात की वैश्विक कीमतों में नरमी से महंगाई में नरमी आने की उम्मीद है। सर्वे के मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद भारत की सालाना बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली है। पिछले कारोबारी साल यानी मार्च 2024 तक 15+ आयु वर्ग के लिए शहरी बेरोजगारी दर 6.7 फीसदी हो गई है। आर्थिक सर्वेक्षण में खुलासा किया गया कि अस्वास्थ्यकर आहार की वजह से 54 प्रतिशत तक रोग का बोझ बढ़ता है। ऐसे में संतुलित, विविध आहार की ओर परिवर्तन करना बेहद आवश्यक है।

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