Money Laundering Case: जाने किन दिग्गजों पर कसा ED ने शिकंजा, किसको हुई जेल और कौन बचा

ED Investigation : प्रवर्तन निदेशालय (ED) इन दिनों मनी लांड्रिंग के मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) तथा कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पूछताछ कर रही है।

Written By :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-06-16 12:22 GMT

ED (Image Credit : Social Media)

ED Money Laundering Case : मनी लांड्रिंग के मामले बीते कुछ सालों में बड़ी संख्या में सामने आए हैं। हाल के कुछ सालों में अलग-अलग गैरकानूनी तरीकों से धन उगाही करने वालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है मगर इसके बावजूद भी धन उगाही करने वाले इन अपराध को करने से बाज नहीं आ रहे। मौजूदा वक्त में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नेशनल हेराल्ड (National Herald Case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ चल रही है। वहीं, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) से भी ईडी की टीम इन दिनों पूछताछ कर रही है। आइए जानते हैं हाल के कुछ सालों में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग अथवा धन उगाही से जुड़े किन-किन लोगों को पर केस दर्ज किया, किन पर अपराध सिद्ध हुए या कितने अभी भी आरोपी हैं।

राहुल गांधी और सोनिया गांधी

देश की स्वतंत्रता से पहले देश में एसोसिएट जनरल लिमिटेड द्वारा प्रकाशित अखबार नेशनल हेराल्ड की काफी बड़ी संख्या में शेयर होल्डर्स हुआ करते थे। देश की आजादी के वक्त यह देश की स्वतंत्रता में एक बड़ा आवाज बन गया था अंग्रेजों ने साल 1942 में इस अखबार को प्रतिबंधित कर दिया था मगर साल 1945 आते-आते एक बार फिर इसका प्रकाशन शुरू किया गया। जब 1945 में देश आजाद हुआ तब कांग्रेसी अखबार के जरिए अपनी नीतियों का प्रचार किया करती थी मगर साल 2008 आते-आते एक बार फिर नेशनल का प्रकाशन बंद हो गया।

कंपनी ने नेशनल हेराल्ड के प्रकाशन बंद होने के पीछे कारण बताया कि उसकी वित्तीय स्थिति काफी ज्यादा बिगड़ चुकी है। मगर इसके 3 साल बाद ही यह खबर आया कि नेशनल हेराल्ड से जुड़ी सभी होल्डिंग एक यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर कर दी गई है। इस कंपनी की स्थापना साल 2010 में की गई थी उस वक्त कांग्रेस नेता राहुल गांधी यंग इंडिया लिमिटेड के निदेशक हुआ करते थे। तथा कंपनी के 38 फ़ीसदी से अधिक शेयर के मालिक भी राहुल खुद हुआ करते थे और इतनी ही हिस्सेदारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी थी।

साल 2011 में नेशनल हेराल्ड की होल्डिंग यंग इंडिया को ट्रांसफर किए जाने के एक साल बाद ही भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज कराया। सुब्रमण्यम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का फंड उपयोग कर यंग इंडिया लिमिटेड ने नेशनल हेराल्ड पर गलत तरीके से अपना कब्जा जमाया है। जिसके बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा सोनिया गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराया।

मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से साल 2014 में जांच शुरू की गई। प्रवर्तन निदेशालय ने जून 2014 में राहुल गांधी को संबंध भी भेजा। मगर उस वक्त मामला शांत हो गया 1 साल बाद फिर नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर जांच शुरू कर दी के अंत में राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने पटियाला कोर्ट में पेश होकर अपनी जमानत दी। जिसके बाद से यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था मगर इस साल प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार से इस मामले को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भेजा। फिलहाल ईडी राहुल गांधी से इस मामले में पूछताछ कर रही है मगर कोरोना संक्रमित होने के कारण सोनिया गांधी से फिलहाल पूछताछ नहीं शुरू हो सकी है माना जा रहा कि सोनिया के स्वस्थ होते ही ईडी उनसे भी पूछताछ करेगी।

सत्येंद्र जैन

देशभर में करप्शन के विरोध में अपना छवि बनाने वाली आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी इन दिनों ईडी की कस्टडी में हैं। बीते महीने 30 मई को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने साल 2017 में दर्ज हुए केस को लेकर सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार कर लिया उन पर आरोप है कि उन्होंने लोक सेवा के क्षेत्र में काम करते हुए करीब 5 करोड रुपए हवाले के जरिए हासिल किया है। इस मामले को लेकर बीते कुछ दिनों में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सत्येंद्र जैन की आवाज समेत उनके कई अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कई जरूरी कागजात बरामद किए हैं।

नवाब मलिक

एनसीपी के जाने-माने नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम से जुड़े लोगों के साथ पैसे की लेनदेन के मामले में इस साल फरवरी महीने में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गिरफ्तार किया था। नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर तथा 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट दोषी सरदार खान के बीच पैसे की लेनदेन के लिए एक मीटिंग हुई थी। इस मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने नवाब मलिक पर प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

शारदा ग्रुप स्कैम

पोंजी स्कीम के तहत देश में हुआ करीब ढाई हजार करोड़ रुपए काया घोटाला शारदा ग्रुप द्वारा किया गया है। बता दे शारदा ग्रुप कुल 200 कंपनियों का एक समूह है जिसने बड़े ही कम वक्त में करीब ढाई हजार करोड़ रुपए की पूंजी भारत में इकट्ठा कर ली। मगर कुछ ही वक्त बाद यह ग्रुप पूरी तरह बर्बाद होने लगी इस में लगे लोगों के पैसों का अब तक कुछ अता पता नहीं चल पाया। इस काम को लेकर शारदा ग्रुप के मालिक संदीप्तो सेन समेत कुल 8 लोगों के खिलाफ साल 2014 में फ्रॉड तथा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था।

विजय माल्या

भारत के जाने-माने बिजनेसमैन तथा किंगफिशर एयरलाइंस समेत कई अन्य कंपनियों का मालिक विजय माल्या साल 2016 में भारत से ब्रिटेन भाग गया। विजय माल्या पर आरोप है कि उसने देश के करीब 17 बैंकों से कुल 9000 करोड रुपए के आसपास का लोन लेकर बैंकों के साथ फ्रॉड किया। विजय माल्या को भारत में आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित किया। फिलहाल इस मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय समेत कई केंद्रीय एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।

नीरव मोदी

विजय माल्या के तरह ही देश में एक अन्य जाने-माने कारोबारी नीरव मोदी पर बैंकों के साथ फ्रॉड करने का मामला दर्ज है। नीरव मोदी का नाम हीरा कारोबार के क्षेत्र में भारत समेत दुनिया के कई अन्य देशों में काफी चर्चित है। नीरव पर आरोप है कि उसने पंजाब नेशनल बैंक समेत देश के कई अन्य बैंकों से मिलाकर कुल 11365 करोड रुपए का फ्रॉड किया है। भारत में जब तक पूरे तरीके से इस मामले की जांच शुरू होती तब तक नीरव मोदी सभी को चकमा देकर साल 2018 में भारत से ब्रिटेन जा चुका था। फिलहाल नीरव मोदी पर बैंकों के साथ फ्रॉड आपराधिक साजिश तथा मनी लॉन्ड्रिंग समेत कई अन्य मामलों में केस दर्ज किया गया है। जिसको लेकर ईडी समेत देश की कई अन्य जांच एजेंसियां पड़ताल कर रही हैं।

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