ED Raids: 1392 करोड़ के बैंक घोटाले में ED का बड़ा एक्शन, दिल्ली समेत पांच शहरों में छापेमारी, कांग्रेस विधायक पर कसा शिकंजा
ED Raids: महेंद्रगढ़ के कांग्रेस विधायक रावदान सिंह और उनके परिवार व अन्य लोगों के खिलाफ जांच पड़ताल के लिए ईडी की ओर से यह कदम उठाया गया है।
ED Raids: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1392 करोड़ के बैंक घोटाले में आज बड़ी कार्रवाई की है। इस घोटाले के सिलसिले में ईडी की टीमों की ओर से राजधानी दिल्ली समेत पांच शहरों में छापेमारी की गई है। राजधानी दिल्ली के अलावा देश के चार अन्य शहरों गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, बहादुरगढ़ और जमशेदपुर में ईडी की टीमों ने छापा मारा है। ईडी की टीमें इन पांच शहरों की 15 लोकेशन पर छानबीन करने में जुटी हुई हैं।
महेंद्रगढ़ के विधायक रावदान सिंह और उनके परिवार व अन्य लोगों के खिलाफ जांच पड़ताल के लिए ईडी की ओर से यह कदम उठाया गया है। 1392 करोड़ के इस बैंक घोटाले की जांच ईडी के साथ ही सीबीआई को सौंपी गई है। यह घोटाला 1392 करोड़ का लोन लेने के बाद उसे वापस न करने से जुड़ा हुआ है।
बैंक को नहीं लौटाया 1392 करोड़ का लोन
कांग्रेस विधायक रावदान सिंह को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है। विधायक सिंह और उनके परिवार के मालिकाना हक वाली कंपनी मेसर्स अलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड ने बैंक से 1392 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसे अभी तक वापस नहीं लौटाया नहीं है। जानकार सूत्रों का कहना है कि ईडी की ओर से इसी सिलसिले में राजधानी दिल्ली समेत पांच शहरों में छापेमारी करके व्यापक जांच पड़ताल की जा रही है।
सीबीआई की ओर से इस मामले में पहले ही केस दर्ज किया जा चुका है। सीबीआई ने इस मामले में कंपनी और उसके प्रमोटर्स मोहिंदर अग्रवाल और गौरव अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। बाद में ईडी भी इस घोटाले की जांच में जुड़ गई थी। ईडी ने ने इस घोटाले में अलग से मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी।
पूर्व सीएम हुड्डा के करीबी हैं रावदान सिंह
महेंद्रगढ़ के कांग्रेस विधायक रावदान सिंह को हरियाणा में कांग्रेस का मजबूत नेता माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा का करीबी होने के कारण उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट भी मिला था। वे भिवानी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे मगर उन्हें भाजपा प्रत्याशी धर्मवीर सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
रावदान सिंह को टिकट देने के मुद्दे पर कांग्रेस में काफी विवाद भी पैदा हुआ था मगर हुड्डा के करीबी होने के कारण उनका टिकट बरकरार रहा था। हरियाणा के बड़े शिक्षा संस्थान के मालिक रावदान सिंह राज्य की सियासत में हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। महेंद्रगढ़ में ईजी की टीम सुबह ही उनके आवास पर छापेमारी के लिए पहुंच गई। ईडी की टीम के साथ काफी संख्या में सुरक्षा कर्मी भी थे।
विधानसभा चुनाव में उठ सकता है घोटाले का मुद्दा
हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में कांग्रेस नेता के ठिकानों पर हुई छापेमारी चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकती है। भाजपा इस मुद्दे को लेकर हमलावर हो सकती है। सियासी जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव के मौके पर भाजपा की ओर से घोटाले को लेकर किए जाने वाले हमले का जवाब देना कांग्रेस के लिए आसान साबित नहीं होगा।
लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने भाजपा को करारा झटका देते हुए राज्य की पांच सीटें जीत ली थीं। 2019 में सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा इस बार सिर्फ पांच सीटें ही जीत सकी थी। विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़े मुकाबले की संभावना जताई जा रही है और ऐसे में यह बैंक घोटाला बड़ा मुद्दा बन सकता है।