Electoral Bonds: ADR ने आखिर क्यों SBI के खिलाफ दायर की अवमानना याचिका? ये है पूरा मामला
Electoral Bonds: अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने 7 मार्च को चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कथित रूप से अनुपालन न करने के लिए एसबीआई के खिलाफ एडीआर द्वारा दायर अवमानना याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की।
Electoral Bonds: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 7 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में भारतीय स्टेट बैंक (सीबीआई) के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसबीआई को 6 मार्च का चुनावी ब्रांड की जानकारी प्रस्तुत करने की विफलता के खिलाफ लगाई है। ADR ने की याचिका में आरोप लगाया गया है कि एसबीआई ने शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन किया है। चुनाव निगरानी संस्था एडीआर चुनावी बांड मामले में प्रमुख याचिकाकर्ता में से एक है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट चुनावी बांड को रद्द करते हुए एसबीआई को 06 मार्च को डेटा प्रस्तुत करने के लिए कहा था, लेकिन बैंक ऐसा नहीं करा और कोर्ट अर्जी डालकर और समय देने की मांग थी।
ये लगाया आरोप
ADR ने याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि डेटा की उपलब्धता के बावजूद एसबीआई अदालत के निर्देशानुसार कार्य करने में विफल रहा है। एसबीआई द्वारा बांड डेटा के खुलासे के लिए अदालत से निर्देश मांगा गया है।
तत्काल सुनवाई पर मांग
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने 7 मार्च को चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कथित रूप से अनुपालन न करने के लिए एसबीआई के खिलाफ एडीआर द्वारा दायर अवमानना याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। यह मामला 11 मार्च को आने की संभावना है, जब समय बढ़ाने की बैंक की याचिका पर भी सुनवाई होगी।
कोर्ट ने रद्द कर दिया इलेक्टोरल बांड
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी, 2024 को इलेक्टोरल बांड पर दायर तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इसको रद्द कर दिया था। साथ ही, कोर्ट ने एसबीआई को आदेश था कि वह इलेक्टोरल बांड की जानकारी छह मार्च तक चुनाव आयोग को सौंपे। उसके बाद 13 मार्च चुनाव आयोग 13 मार्च को इलेक्टोरल बांड की सारी जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करे, ताकि लोगों को पता चल सके कि किसने किस पार्टी को कितना चुनावी चंदा दिया है।
कोर्ट से मांगा 15 जून का समय
हालांकि एसबीआई तय समय पर चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बांड के डेटा की जानकारी नहीं दे पाया। सुप्रीम कोर्ट में बैंक ने एक अर्जी दाखिल की और 15 जून तक समय देने की मांग की।
इन लोगों ने दाखिल की याचिकाएं
इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले पर कांग्रेस नेता जया ठाकुर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) समेत चार लोगों ने कोर्ट ने याचिकाएं दाखिल की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चुनावी बॉन्ड के जरिए गुपचुप फंडिंग में पारदर्शिता को प्रभावित करती है। यह सूचना के अधिकार का भी उल्लंघन करती है।