नौकरीवालों खुशखबरी: नहीं करना होगा अब 5 साल का इंतजार, सरकार ने दिया तोहफा

ज्यादातर यही होता देखा गया है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले नौकरीपेशा लोग केवल ग्रेच्यूटी के इंतजार में ही लगातार 5 साल तक एक ही कंपनी में रह जाते हैं। अगर किसी वजह से उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी या छूट गई तो उन्हें ग्रेच्युटी का फायदा नहीं मिल पाता है।

Update: 2020-09-24 06:54 GMT
ज्यादातर यही होता देखा गया है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले नौकरीपेशा लोग केवल ग्रेच्यूटी के इंतजार में ही लगातार 5 साल तक एक ही कंपनी में रह जाते हैं।

नई दिल्ली। ज्यादातर यही होता देखा गया है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले नौकरीपेशा लोग केवल ग्रेच्यूटी के इंतजार में ही लगातार 5 साल तक एक ही कंपनी में रह जाते हैं। अगर किसी वजह से उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी या छूट गई तो उन्हें ग्रेच्युटी का फायदा नहीं मिल पाता है। अब ऐसा करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इसके केंद्र सरकार ने नए श्रम विधेयक को इजाजत दे दी गई है।

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श्रम विधेयक को सदन की मंजूरी

इसी सिलसिले में केंद्र सरकार के नए श्रम विधेयक को सदन की मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के बाद अब ग्रेच्युटी लेने के लिए 5 साल की समय सीमा समाप्त हो गई है।

चलिए अब इसे आसान शब्दों में समझते हैं। आपको कंपनी हर साल ग्रेच्युटी देगी। अभी तक जो नियम था उसके हिसाब से कर्मचारी को किसी एक कंपनी में लगातार 5 साल कार्यरत रहना जरूरी था।

ऐसे में अब नए प्रावधानों में बताया गया है कि जिन लोगों को फिक्सड टर्म बेसिस पर नौकरी मिलेगी। उन्हें उतने दिन के आधार पर ग्रेच्युटी पाने का भी हक होगा। यानी ये कि कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी करने वाले कर्मचारी भी ग्रेच्युटी का फायदा ले सकेंगे, फिर चाहे कॉन्ट्रैक्ट कितने भी दिन का हो।

 

फोटो-सोशल मीडिया

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ऐसे कैलकुलेट होती है रकम

कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)

इस हिसाब से ग्रेच्युटी कंपनी की तरफ से अपने कर्मचारियों को दी जाती है। यह एक तरह से कर्मचारी की तरफ से कंपनी को दी गई सेवा के बदले देकर उसका साभार जताया जाता है। इसकी अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये होती है। हालांकि मृत्यु या अक्षम हो जाने पर ग्रेच्युटी अमाउंट दिए जाने के लिए नौकरी के 5 साल पूरे होना जरूरी नहीं है।

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