EWS Reservation : EWS कोटे से SC, ST और OBC वर्ग के लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं, SC में बोली केंद्र
EWS Reservation: शीर्ष अदालत की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। गुरूवार को EWS कोटे के तहत मिलने वाली 10 फीसदी आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में जोरदार बहस हुई।
EWS Reservation: मोदी सरकार द्वारा सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को सशक्त बनाने के लिए EWS आरक्षण लाया गया। जिसका SC,ST और OBC वर्ग के लोग कड़ा विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार के इस कदम के खिलाफ कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच चुके हैं। शीर्ष अदालत की संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। गुरूवार को EWS कोटे के तहत मिलने वाली 10 फीसदी आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में जोरदार बहस हुई।
आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं में इसे संविधान के विरूद्ध बताया गया है। जिस पर सरकार का कहना है कि संविधान में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं हो सकता। अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इस कोट के लिए संविधान में किया गया 103वां संशोधन पूरी तरह जायज है। उन्होंने कहा कि यह कदम संविधान के ही अनुच्छेद – 46 के तहत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कमजोर वर्ग के लोगों के शैक्षणिक और आर्थिक हितों के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
EWS कोटे से SC,ST और OBC वर्ग के लोग परेशान न हों
सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रह रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि EWS कोटे से SC,ST और OBC वर्ग के लोग परेशान होने की जरूरत नहीं है। इससे उनके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, उनका हिस्सा जस का तस बना रहेगा। EWS के लिए 10 फीसदी आरक्षण उस 50 परसेंट में से दिया गया है, जो कि अनारक्षित सीटों के लिए है।
सवर्ण भी भूमिहीन और गरीब
केंद्र सरकार ने EWS कोटे पर जारी बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट में देश में सवर्णों की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कुछ आंकड़े पेश किए। सरकार ने कहा कि सवर्ण वर्ग के 5.8 करोड़ लोग देश में गरीबी रेखा से नीचे हैं। इसके अलावा सवर्ण वर्ग के 35 फीसदी लोग भूमिहीन हैं। गरीबी के कारण इनकी पढ़ाई नहीं हो पाती, जिसके कारण इन्हें या तो खेतिहार मजदूर बनना पड़ता है या फैक्ट्रियों में काम करना पड़ता है। EWS कोटा सवर्ण तबके से आने वाले ऐसे ही लोगों के लिए है। सरकार उनकी मदद करन के लिए बाध्य है।