किसान बिल समर्थन में पहुंचे किसानों का हंगामा, गुमराह करने का लगाया आरोप

किसानों ने आयोजकों पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। कार्यक्रम स्थल पर पहुुंचे किसानों ने कहा कि वह किसान बिल का विरोध करने आए हैं।गाजियाबाद के इंदिरापुरम रामलीला मैदान पर किसान बिल के समर्थन में पहुंचे किसानों के बीच रविवार को हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई।

Update:2020-12-20 16:31 IST
किसानों ने आयोजकों पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। कार्यक्रम स्थल पर पहुुंचे किसानों ने कहा कि वह किसान बिल का विरोध करने आए हैं।

लखनऊ। भाजपा सरकार के कृषि कानूनों के समर्थन में गाजियाबाद पहुंचे किसानों ने हंगामा कर दिया है। किसानों ने आयोजकों पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। कार्यक्रम स्थल पर पहुुंचे किसानों ने कहा कि वह किसान बिल का विरोध करने आए हैं। गाजियाबाद के इंदिरापुरम रामलीला मैदान पर किसान बिल के समर्थन में पहुंचे किसानों के बीच रविवार को हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। जब कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें कार्यक्रम के नाम पर गुमराह किया गया है।

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किसानों के खिलाफ आए बिल के समर्थन में

हंगामा करने वाले किसानों ने बताया कि उन्हें किसानों के कार्यक्रम में गाजीपुर बार्डर यूपी गेट पर पहुंचने की जानकारी दी गई थी। इस कार्यक्रम के समर्थन में आने के लिए उनके ट्रैक्टर में डेढ़ हजार रुपये का तेल भी डलवाया गया, लेकिन जब मोदी नगर पहुंचे तो उन सभी के वाहनों पर बाबा चंद्रमोहन के झंडे लगा दिए गए।

हिन्द मजदूर समिति का झंडा लगाने के बाद सभी को इंदिरापुरम लाया गया है। यहां आकर उन्हें मालूम हुआ कि यह कार्यक्रम किसान बिल के विरोध में नहीं है बल्कि किसानों के खिलाफ आए बिल के समर्थन में है। इसका वह लोग विरोध कर रहे हैं।

फोटो-सोशल मीडिया

वह किसानों के बिल के विरोध में है और गाजीपुर में यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का साथ देंगे। किसानों ने यह आरोप भी लगाया कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले लडक़ों को भी आयोजकों की ओर से पैसे बांटे गए हैं।

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बाबा चंद्रमोहन पर हत्या व दुष्कर्म के हैं आरोप

कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे किसानों ने बताया कि बाबा चंद्रमोहन का इतिहास अच्छा नहीं है। उन लोगों को यह मालूम नहीं था कि उन्हें बाबा चंद्रमोहन के कार्यक्रम में लाया जा रहा है। मेरठ में रहने वाले लोग जानते हैं कि बाबा चंद्रमोहन का अतीत दागदार है।

उनकी तीसरी पत्नी व शिष्य की संदेहास्पद मौत का राज अब तक नहीं खुला है। उन पर दुष्कर्म के आरोप भी लगाए गए हैं। ऐसे में उनके साथ किसानों का खड़ा होना किसी भी तरह से ठीक नहीं है। वह लोग इसका विरोध करेंगे। किसानों के आंदोलन में फूट डालने की कोशिश की जा रही है।

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रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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