आधे दाम में मुर्गियां: अंडे इतने सस्ते, रेट जान उड़ जाएंगे होश

पोल्ट्री फार्म हाउस के मालिक और यूपी पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने बताया कि किसान आंदोलन के चलते पोल्ट्री फ़ार्म भी संभलकर माल की डिलवरी कर रहे हैं।

Update:2020-12-08 11:04 IST

नई दिल्ली. भारत में जारी किसान आंदोलन का असर पोल्ट्री फार्मों पर भी दिखने लगा है। पोल्ट्री फ़ार्म मालिकों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि अण्डों का तो एमएसपी भी निर्धारित नहीं हैं। दरअसल, किसानों की तरह पोल्ट्री फार्म मालिक ने भी मुर्गियों और अण्डों की बिक्री को लेकर अपनी समस्या रखी और कहा कि पोल्ट्री फार्म मालिक भी किसान ही है। किसान फसल उगाते हैं तो हम अण्डा उत्पादन करते हैं लेकिन सुविधा कोई नहीं दी जाती।

किसान आंदोलन का असर पोल्ट्री फार्मों पर

पोल्ट्री फार्म हाउस के मालिक और यूपी पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने बताया कि किसान आंदोलन के चलते पोल्ट्री फ़ार्म भी संभलकर माल की डिलवरी कर रहे हैं। उन्होने जानकारी दी कि ग्राहकों को पता है कि पोल्ट्री फ़ार्म वाले भी किसान हैं और किसान आंदोलन के समर्थन में हैं, ऐसे में माल की बिक्री उतनी नहीं हो रही, जितनी आमतौर पर होती है। माल की ज्यादा सप्लाई न होने से नुकसान हो रहा है। ऐसे में आंदोलन से पहले 80 रुपये किलों में बिक रहीं मुर्गी इन दिनों 40 रुपये किलो यानि आधे दाम में बिक रही हैं।

अंडे के रेट हुए कम

मुर्गियों का रेट तो आधा हो ही गया है, इसके साथ ही अंडे भी सस्ते हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, किसान आंदोलन का असर अंडे के रेट पर भी पड़ा। अंडों के दाम भी कम होना शुरु हो गए हैं। कहा गया कि आंदोलन की शुरुआत में तो कुछ दिन सब कुछ ठीक-ठाक चला। बाद में थोक में 100 अंडों के दाम 463 रुपये हो गए। ऐसे हर रोज अंडे पर 5 से 8 रुपये तक कम-ज़्यादा हो रहे थे। हालंकि दिसंबर की शुरुआत के साथ अंडे के दाम जो गिरना शुरु हुए तो अभी तक गिर ही रहे हैं। बता दें कि 7 दिसम्बर को बाज़ार में अंडा 420 रुपये प्रति सैकड़ा तक बिका, वहीं 6 दिसम्बर को इनका रेट 423 रुपये था।

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किसानो के साथ पोल्ट्री फार्म मालिक

इन सब के बावजूद पोल्ट्री मालिकों को मुर्गी या अण्डों के दाम कम होने की परवाह नहीं। उनका मानना है कि ये आंदोलन सिर्फ उनके लिए ही नहीं उनकी आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए जरुरी है। एक पोल्ट्री मालिक ने ये तक एलान कर दिया कि मुर्गी और अंडे के दाम कम होने का तो छोड़िये अगर इनकी बिक्री रोकनी भी पड़े तो भी वो आंदोलन जारी रखेंगे।

उन्होंने बताया कि अण्डों में एमएसपी निर्धारित नहीं है। पोल्ट्री के लिए बिजली कॉमर्शियल रेट पर मिलती है। उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाती, ऐसे में एक किसान के तौर पर वे किसान आंदोलन और भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं।

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