किसान आन्दोलन: हरियाणा के CM खट्टर के खिलाफ हुड्डा ने उठाया बड़ा कदम

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूंपद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के मकसद के विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

Update: 2020-12-08 09:43 GMT
भाजपा की तरफ से लगाये गये आरोपों पर सफाई देने के लिए आज एनसीपी नेता शरद पवार आगे आये। उन्होंने भाजपा द्वारा लगाये गये आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में आज 13 वें दिन आन्दोलन कर रहे किसानों को 11 से अधिक राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त हो चुका है।

किसानों ने आज भारत बंद का आह्वान किया था। जिसके बाद से किसानों के समर्थन में आज देश के कई राज्यों में विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जगह-जगह ट्रेनें रोक दी गई और प्रदर्शन किया गया।

विपक्ष लगातार किसानों को लेकर केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दवाब बनाने की कोशिश कर रहा है। जबकि सरकार ने पहले ही ये साफ कर दिया है कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे। सरकार बीच का कोई हल तलाश रही है। किसानों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

किसान आन्दोलन (फोटो: सोशल मीडिया)

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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से की मुलाकात

इस बीच बड़ी खबर ये आ रही है कि कृषि कानून को लेकर अपने सहयोगी दल जेजेपी की ओर से दबाव के बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं, जहां दोनों की मुलाकात जारी है।

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के मकसद के विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, 'मैंने राज्यपाल को छिट्ठी लिखकर जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की है।उनकी पार्टी सदन में बहुमत और लोगों का विश्वास भी खो चुकी है।

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एनसीपी नेता शरद पवार( फोटो: सोशल मीडिया)

भाजपा के आरोपों पर जवाब देने के लिए आगे आये शरद पवार

वहीं भाजपा की तरफ से लगाये गये आरोपों पर सफाई देने के लिए आज एनसीपी नेता शरद पवार आगे आये।

उन्होंने दावा किया- मैंने कहा था कि एपीएमसी को कुछ सुधारों की जरूरत है।एपीएमसी अधिनियम जारी रहना चाहिए लेकिन सुधारों के साथ।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि मैंने पत्र लिखा था।लेकिन उनके तीन अधिनियमों में एपीएमसी का भी उल्लेख नहीं है।वे सिर्फ ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं।इसे महत्व देने की जरूरत नहीं है।

बता दें कि सोमवार को केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कृषि बिल को लेकर एक साथ का कांग्रेस, सपा और एनसीपी पर हमला बोला था। किसानों के साथ किये गये उनके पुराने वादों को भी याद दिलाया था।

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