गाजीपुर बॉर्डर पर खेती: धरने पर बैठे किसानों ने उगाई सब्जियां, गाय-भैंस भी आंदोलन में
किसानों ने बॉर्डर पे ही खेती किसानी करनी शुरू कर दी है। इस बारे में आंदोलन कर रहे एक किसान ने कहा कि किसान जो होता है, वह खाली नहीं बैठ सकता। एक तरफ आंदोलन चलेगा और दूसरी तरफ खेती-बाड़ी होगी।
लखनऊ: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग 3 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों ने अपनी मांगों के लिए अपना राज्य घर परिवार सब छोड़ रखा है। लेकिन नहीं छोड़ी तो वह है उनका कर्म यानी खेती। गाजीपुर बॉर्डर पर ही किसानों ने आंदोलन के साथ खेती का काम शुरू कर दिया है।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने शुरू की खेती बाड़ी
दरअसल, गाजीपुर बॉर्डर से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आईं है, जिन्होंने साबित कर दिया कि एक अन्नदाता अपने हक के लिए लड़ने के साथ ही अपने कर्म का निर्वहन भी कर सकता है।
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सब्जियां उगा रहे, सीमा पर ही पशु पालन करने को तैयारी
किसानों ने बॉर्डर पे ही खेती किसानी करनी शुरू कर दी है। इस बारे में आंदोलन कर रहे एक किसान ने कहा कि किसान जो होता है, वह खाली नहीं बैठ सकता। एक तरफ आंदोलन चलेगा और दूसरी तरफ खेती-बाड़ी होगी। यहां पर जहां पर कटीले तार लगाए गए, वहीं पर मिट्टी खोदकर उसमें भी डालने की तैयारी है।
लंबे समय तक आंदोलन रखने की तैयारी में किसानों
आंदोलन स्थल के पास खेती कर रहे किसानों का साफ कहना है कि यहां पर हम हर तरह की सब्जियां बोएंगे। अपने पशु जैसे गाय भैंस भी बॉर्डर पर लाएंगे और यहीं पर ही ताजा दूध पिया करेंगे। अपने पशुओं की देखरेख भी यही करेंगे।
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धरना खत्म करने के मूड में नही किसान
किसानों के इस कदम से एक बात तो साफ है कि वे धरने से उठने के मूड में नही हैं। यानी जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होती वे बॉर्डर से वापस नहीं जाएंगे। बल्कि दिल्ली सीमाओं पर ही खेती शुरू कर देंगे ताकि उन्हें आंदोलन को जारी रखने में भी समस्या न आये और आंदोलन में न तो किसी तरह की खाद्य पदार्थों की कमी हो।
किसान के आंदोलन को लगभग 3 महीने
बता दें कि आज ही किसानों ने चक्का जाम किया था। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चले किसानों के चक्का जाम के दौरान रास्ते बंद कर दिए जीएम आवागमन ठप्प रहा। जगह जगह पुलिस बल तैनात रही और बैरिकेडिंग लगाकर 26 जनवरी वाली हिंसा जैसी स्थिति न बने, इसके लिए निगरानी रखी गयी।
रिपोर्ट- दीपंकर जैन
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