Kisan Andolan: पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों के घायल होने के बाद किसानों ने 'दिल्ली चलो' मार्च स्थगित किया
Kisan Andolan: हरियाणा पुलिस ने कहा कि केवल उन्हीं किसानों को मार्च करने की अनुमति है जिनके नाम लिस्ट में दिया गया है। लेकिन किसान यूनियनों का कहना है कि उन्होंने हरियाणा पुलिस के साथ कोई लिस्ट साझा नहीं की है।;
kisan Andolan: 'दिल्ली चलो' मार्च में भाग लेने वाले किसानों ने पंजाब-हरियाणा सीमा के पास शंभू बार्डर पर आंसू गैस के गोले के कारण कई किसानों के घायल होने के बाद अपना विरोध अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। यह घटना पुलिस के साथ टकराव के दौरान हुई, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया। किसान नेताओं ने कहा कि मार्च को रोकने का निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था कि घायलों को उचित चिकित्सा सुविधा मिले।
आज दिल्ली की और बढ़ रहे किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं। इसमें तमाम किसान घायल हो गये। किसानों का दावा है कि लगभग डेढ़ दर्जन किसान घायल हुए है। उधर पुलिस का दावा है कि उसने मार्च कर रहे किसानों को तितर-बितर कर दिया है। कुछ मीडिया कर्मियों के भी चोट आने की खबर है। इसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि उन्होंने किसानों का वापस बुला लिया है और बैठक कर आगे का फैसला लेंगे।
इस बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि मार्च करने की जरूरत नहीं थी। उनके (किसानों के) 5 प्रतिनिधि आते और सरकार से बात करते। सरकार बात करने को तैयार है। ऐसे में मार्च का नाटक किया जा रहा है और राजनीति की जा रही है... जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं...
इससे पूर्व अपनी मांगों को लेकर अड़े किसान दिल्ली कूच के लिए बड़ी संख्या में शंभू बार्डर पर एकत्र हो गए थे लेकिन पुलिस उन्हें दिल्ली में घुसने की इजाजत देने को तैयार नहीं हुई। इस बीच किसानों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। शंभू बार्डर पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। किसान रविवार को शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। वे पैदल मार्च कर रहे थे लेकिन यहां भारी सुरक्षा बलों की तैनाती थी। बताया जा रहा है कि किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। वहीं पुलिस की ओर से भारी प्रतिरोध का सामना करने के बाद किसानों ने अपना दिल्ली चलो मार्च रोक दिया है।
शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का जत्था हरियाणा की ओर मार्च करना शुरू किया तो कुछ दूर चलने के बाद उनका सामना सुरक्षा बलों से हुआ। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने किसानों से बातचीत शुरू की। हरियाणा पुलिस ने कहा कि केवल उन्हीं किसानों को मार्च करने की अनुमति है जिनके नाम लिस्ट में दिया गया है। लेकिन किसान यूनियनों का कहना है कि उन्होंने हरियाणा पुलिस के साथ कोई लिस्ट साझा नहीं की है। वहीं, पुलिस का कहना है कि सूची दी गई है और इनमें से कोई भी नाम उन किसानों के नामों से मेल नहीं खा रहा है, जो 101 किसान प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
किसान एक भीड़ के रूप में आगे बढ़ रहे थे
वहीं पुलिस की ओर से भारी प्रतिरोध का सामना करने के बाद किसानों ने अपना दिल्ली चलो मार्च रोक दिया है। जब दिल्ली जाने की जिद पर अड़े किसानों से हरियाणा पुलिस ने अपने विरोध प्रदर्शन को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली पुलिस से आवश्यक अनुमति लेने को कहा। इसे लेकर शंभू में प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच बहस हो गई। इस बीच, पुलिस ने दावा किया कि किसान एक भीड़ के रूप में आगे बढ़ रहे थे। न कि 101 किसानों के जत्थे के रूप में।