महिला IRS अफसर ने कराया अपना सेक्स चेंज, मिली नई पहचान, सिविल सर्विस के इतिहास में यह पहला मामला

IRS Officer Sex Change: हैदराबाद में तैनात महिला आईआरएस अफसर एम अनुसुया ने इस बदलाव को अपने आधिकारिक रिकार्ड में भी दर्ज करा दिया है। इसी के साथ वह देश की पहली महिला सिविल सर्वेंट बन गई हैं जिन्होंने अपना सेक्स चेंज कराया है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2024-07-10 07:54 GMT

IRS Officer Sex Change (photo: social media )

IRS Officer Sex Change: हैदराबाद में कार्यरत एक महिला आईआरएस अफसर ने अपना जेंडर चेंज कराया है और साथ ही अपना नाम भी चेंज कर सर्विस रिकार्ड में दर्ज करा लिया है। केंद्रीय कस्टम एवं सर्विस टैक्स अपीलेंट ट्रिब्यूनल में जॉइंट कमिश्नर के पद पर तैनात इस महिला अफसर ने सेक्स रिएसिगमेंट सर्जरी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट आई है। उन्होंने ड्यूटी जॉइन करने के साथ ही सिविल सर्विस के रिकार्ड में अपने जेंडर चेंज के लिए आवेदन किया था। सरकार की मंजूरी के बाद अब वह आधिकारिक तौर पर महिला से पुरुष बन गई हैं।

2013 बैच की आईआरएस अफसर हैं

2013 बैच की महिला आईआरएस मिस एम अनुसूया अपने 11 साल की सर्विस के बाद अब मिस्टर एम अनुकथिर के नाम से जाने और पहचाने जाएंगे। एम अनुसुया के मिस्टर एम अनुकथिर बनने के साथ ही भारतीय सिविल सर्विस के इतिहास में यह एक नया अध्याय जुड़ गया है। वह देश की पहली महिला आईआरएस अफसर हैं जिन्होंने जेंडर चेंज कराया है। इनसे पहले 2015 में उडीसा में कार्मशियल टैक्स विभाग में तैनात एक अफसर ने अपना जेंडर चेंज कराया था। वह अधिकारी पुरुष से महिला बने थे।


सिविल सर्विस के इतिहास में यह पहला मामला

उन्होंने अप्रैल 2014 में आए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाकर सरकारी रिकार्ड में भी अपना जेंडर चेंज करवा लिया था। उस समय से वह ऐश्वर्या रितुपूर्णा प्रधान के रूप में जाने जा रहे हैं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उस घटना के बाद यह दूसरा मामला है, जिसमें किसी अधिकारी ने अपना जेंडर चेंज कराया है। वहीं देश के सिविल सर्विस के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी आईआरएस अफसर ने अपना जेंडर चेंज कराया है।


2014 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला

वहीं केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एम अनुसुया की पहचान मिस्टर एम अनुकथिर के रूप में दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि 2014 में इसी तरह के एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि जेंडर चेंज कराना किसी भी व्यक्ति का निजी मामला है और इससे उसकी नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।



Tags:    

Similar News