Maharashtra Election: महायुति और MVA दोनों खेमों में CM पद को लेकर घमासान, कोई भी जीते मगर फैसला नहीं होगा आसान
Maharashtra Election: महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी के लिए सीएम को चुनना बहुत कठिन काम है।
Maharashtra Election: महाराष्ट्र में शनिवार को घोषित होने वाले चुनाव नतीजों का सबको बेसब्री से इंतजार है। चुनाव नतीजे की घोषणा से पहले सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से अपनी-अपनी जीत के दावे किए जा रहे हैं। कांग्रेस ने सबसे बड़ी पार्टी होने के साथ ही सीएम पद पर अपना दावा भी पेश कर दिया है मगर एमवीए में शामिल उद्धव गुट ने कांग्रेस के इस दावे को ठुकरा दिया है। दूसरी ओर सत्तारूढ़ महायुति में भी भाजपा और शिंदे सेना के बीच सीएम पद को लेकर खींचतान की स्थिति दिख रही है। सियासी जानकारों का कहना है कि दोनों गठबंधनों में से चाहे जिसे जीत हासिल हो मगर मुख्यमंत्री पद का फैसला करना आसान नहीं होगा।
कांग्रेस की दावेदारी उद्धव सेना को मंजूर नहीं
महाराष्ट्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि इस बार महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अधिकांश उम्मीदवार इस बार के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेंगे और राज्य में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ही सरकार बनेगी। कांग्रेस के नेतृत्व की बात कह कर नाना पटोले ने यह साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद पर कांग्रेस की ही दावेदारी होगी।
दूसरी ओर उद्धव सेना ने कांग्रेस की ओर से की जा रही इस दावेदारी को ठुकरा दिया है। उद्धव सेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि हम इस दावेदारी को मानने के लिए तैयार नहीं है। अगर इस तरह का कोई फैसला हुआ है तो इस बाबत राहुल गांधी या कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को घोषणा करनी चाहिए। शिवसेना के नेता ने कहा कि चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद मिल-बैठकर इस बाबत फैसला किया जाएगा।
महायुति में भाजपा और शिंदे सेना में टकराव
दूसरी ओर चुनाव नतीजे की घोषणा से पहले सत्तारूढ़ महायुति में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान की स्थिति दिख रही है। शिंदे गुट के नेता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताते रहे हैं। चुनाव नतीजे की घोषणा से पहले शिंदे सेना के नेता संजय शिरसाट ने साफ तौर पर कहा कि महायुति ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के चेहरे पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा है। ऐसे में मुख्यमंत्री पद पर शिंदे का ही दावा बनता है। दूसरी ओर भाजपा की ओर से इस बार भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस का नाम आगे बढ़ाया जा रहा है। मतदान से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्पष्ट तौर पर कहा था कि मुख्यमंत्री पद का फैसला चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद किया जाएगा।
दरअसल जीत की स्थिति में भाजपा इस बार मुख्यमंत्री पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रही है। शिवसेना में टूट के समय स्थितियां पूरी तरह अलग थीं मगर इस बार भाजपा मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता करने के लिए तैयार नहीं है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी कहा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि इस बार देवेंद्र फडणवीस को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
मतदान प्रतिशत बढ़ने का क्या होगा असर
महाराष्ट्र में इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ने के बाद दोनों खेमे काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। दोनों खेमों की ओर से दावा किया जा रहा है कि इसका फायदा उनके गठबंधन को ही मिलेगा। भाजपा नेता और राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मतदान प्रतिशत बढ़ने पर हमेशा भाजपा को फायदा मिलता रहा है और इस बार भी ऐसा ही होगा।
महाराष्ट्र में इस बार 65.11 प्रतिशत मतदान हुआ है और मतदाताओं ने पिछले 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि इस बार चार प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। मुंबई में भी इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ा है और इसका फायदा सत्तारूढ़ गठबंधन को ही होगा।
महाविकास अघाड़ी गठबंधन भी उत्साहित
दूसरी और महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र की जनता ने इस बार बदलाव के लिए मतदान किया है। इसी कारण मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया है कि मतदाताओं ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन के पक्ष में पूरे उत्साह के साथ मतदान किया है। उन्होंने एमवीए की जीत का दावा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के स्वाभिमानी मतदाताओं ने इस बार महाराष्ट्र के विकास को प्राथमिकता देने वाले एमवीए की सरकार चुनने की पहल की है।