'पद्मावती': प्रसून जोशी बोले- अभी फिल्म नहीं देखी है, पहले रीजनल कमेटी देखेगी

Update: 2017-11-30 12:03 GMT
'पद्मावती': प्रसून जोशी बोले- अभी फिल्म नहीं देखी है, पहले रीजनल कमेटी देखेगी

नई दिल्ली: फिल्म 'पद्मावती' के लिए गुरुवार (30 नवंबर) का दिन बेहद अहम रहा। फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी संसद की इन्फॉर्मेशन और टेक्नॉलजी समिति के सामने पेश हुए।

जोशी और भंसाली के इस 30 सदस्यीय समिति के सामने पेशी के बीच बीजेपी के दो सदस्यों ने जहां फिल्म पर बैन की मांग की, तो शिवसेना के सदस्य ने इसका समर्थन किया। शेष सदस्यों ने कहा, कि 'जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को मंजूरी ही नहीं दी, तो बैन का सवाल कहां से उठता है।'

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सेंसर बोर्ड पहले एक्सपर्ट्स की राय लेगा

वहीं पेशी में संसदीय समिति के सामने प्रसून जोशी बोले, मैंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है। फिल्म को पहले रीजनल कमेटी देखेगी, फिर सेंट्रल कमेटी। सेंसर बोर्ड पहले एक्सपर्ट्स की राय लेगा, फिर किसी नतीजे पर पहुंचेगा।'

'हां प्रोमो अप्रूव थे'

इस बैठक में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष से जब ये पूछा गया, कि 'क्या फिल्म के प्रोमो को अप्रूव कराया गया था। तो जोशी ने कहा, 'हां प्रोमो अप्रूव थे।' इसके बाद कुछ सदस्यों यहां तक कहा कि व्यावसायिक फायदे के लिए इस पूरे विवाद को तूल दिया जा रहा है।

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एक दिसंबर को होना था रिलीज

गौरतलब है, कि पहले इस फिल्म को कल यानी एक दिसंबर को रिलीज होना था। यह और भी दिलचस्प है कि सेंसर बोर्ड को दिखाए बिना ही इस फिल्म को निर्माताओं ने कुछ मीडिया हस्तियों को पहले ही दिखा दिया था। इनमे से एक वेद प्रताप वैदिक ने तो बाकायदा इसकी समीक्षा भी लिख डाली। वैदिक ने यह भी लिख दिया कि फिल्म में कुछ भी विवाद लायक नहीं है। इस बीच संसदीय समिति द्वारा जारी समन के बाद पद्मावती के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली गुरुवार को संसदीय समिति के सामने पेश हुए।

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लखनऊ में भी हुआ प्रदर्शन

इस समिति से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, संसदीय समिति के अधिकारियों ने कहा कि फिल्मों से संबंधित ज्यादातर विवाद व्यवसायिक फायदे के लिए होते हैं, पर पद्मावती के मामले में ऐसा नहीं है। यह सर्वविदित है कि कई राजपूत संगठन और राजनेता फिल्म के निदेशक पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाकर कई राज्यों में प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे लेकर आज लखनऊ में भी भारी प्रदर्शन किया गया है।

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सूत्रों ने बताया कि इससे पहले 17 नवम्बर को हुई कमिटी की बैठक में ये निर्णय लिया गया था कि फिल्म से जुड़ी चुनौतियों पर विचार करने के लिए इस इंडस्ट्री के लोगों को बुलाकर बात करनी चाहिए। ऐसा कहा जा रहा है कि समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सबसे पहले इस बाबत संजय लीला भंसाली को बुलाया है ताकि भंसाली पद्मावती फिल्म विवाद पर अपनी बात को रख सकें।

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