Economic Survey 2023: आर्थिक सर्वे हुआ पेश, अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 6-6.8% रहने की संभावना
Economic Survey 2023: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। कल यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री आम बजट 2023-23 पेश करेंगी।
Economic Survey 2023: संसद का बजट सत्र आज यानी मंगलवार 31 जनवरी से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के तुरंत बाद लोकसभा में बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण को पेश कर दिया है। कल यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री आम बजट 2023-23 पेश करेंगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2022-2023 के अनुसार, 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 6-6.8% की दर से बढ़ने की संभावना है।
विकास दर तीन साल में सबसे धीमी
आपको बता दें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वार्षिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वे में यह कहा गया है कि अगर महसूस किया जाए तो 6-6.8% की विकास दर तीन साल में सबसे धीमी होगी। भारत को इस वित्तीय वर्ष में 7% की वृद्धि की उम्मीद है, जबकि 31 मार्च, 2022 को समाप्त हुए पिछले वित्तीय वर्ष में वृद्धि 8.7% थी।
वार्षिक सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष के लिए बेस-लाइन वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5% और बेस-लाइन नाममात्र जीडीपी वृद्धि 11% होने का अनुमान लगाया गया है।
सर्वे के अनुसार, COVID-19 महामारी के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है, लेकिन रूस-यूक्रेन संघर्ष ने मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ा दिया है और भारत सहित केंद्रीय बैंकों को महामारी के दौरान अपनाई गई अत्यधिक ढीली मौद्रिक नीति को उलटने के लिए प्रेरित किया है।
वित्त वर्ष 2023-24 में इतना रहेगा वृद्धि दर
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, देश की इकोनॉंमी 2023-24 में चालू वित्त वर्ष के सात प्रतिशत की तुलना में 6.5 प्रतिशत के दर से बढ़ेगी। पिछले फाइनेंशियल ईयर में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही थी। आर्थिक सर्वे पेश होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश करेंगी।
आर्थिक सर्वे की मुख्य बातें
- अर्थव्यवस्था ने कोरोना महामारी में जो खोया, वह लगभग पा लिया है। जो रूका था, बहाल हो गया है। जिसकी गति मंद पड़ी, उसने अपनी गति फिर से हासिल कर ली।
- भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।
- ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत ने चुनौतियों का सामना अधिक बेहतर ढंग से किया।
- अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावना के बीच रूपये में गिरावट की चुनौती बनी रहेगी।
- भारत पीपीपी (क्रय शक्ति समानता) के लिहाज से दुनिया की तीसरी, विनिमय दर के लिहाज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था।
अडानी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा
अडानी के मुद्दे पर विपक्ष के तमाम दलों ने आज मोदी सरकार को घेरा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चंद लोगों को मनमाने ढंग से पैसे क्यों दिए जा रहे हैं ? देश में महंगाई और बेरोजगारी समेत कई मुद्दे हैं, लोग चिंतित हैं। मगर सरकार इनपर चर्चा न कर भ्रम पैदा कर मुद्दों को टाल देती है।
वहीं, केसीआर की पार्टी बीआरएस सांसद केशव राव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कहा कि हमने आज राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना लेकिन इसमें बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को कई जिक्र नहीं था। मैं राष्ट्रपति को सलाह देता हूं कि पीएम को अडानी एक्ट लाने की सलाह दें क्योंकि क्रोनी कैपिटलिज्म है।