Mahadev App Case: भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ीं, पूर्व सीएम समेत 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर
Mahadev App Case: भूपेश बघेल समेत 16 के खिलाफ चार मार्च को मामला दर्ज किया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले ये मामला कांग्रेस नेता के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है।
Mahadev App Case: लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। महादेव एप मामले में रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा ने बघेल और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक भूपेश बघेल समेत 16 अन्य के खिलाफ चार मार्च को मामला दर्ज किया गया था। यह मामला आईपीसी की धारा 120बी, 34, 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज किया गया है।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोकसभा चुनाव से पहले ये मामला कांग्रेस नेता के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है। इससे कांग्रेस को भी चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है। बघेल के खिलाफ महादेव बेटिंग ऐप मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों का नाम भी शामिल है।
ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामला उस समय से सुर्खियों में आया जब ED ने दावा किया कि उसने एक ‘कैश कूरियर‘ के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के उस समय के मुख्यमंत्री अब पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने UAE में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे। वहीं, महादेव बुक का मालिक अब हिरासत में हैं, उसे मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया है। ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, यह व्यक्ति दावा कर रहा है कि वह महादेव ऐप का मालिक है। आश्चर्य की बात यह है कि महीनों से इस मामले की जांच कर रही एजेंसी ED को यह बात अभी तक पता नहीं थी और दो दिन पहले तक ईडी उसे मैनेजर बता रही थी। छत्तीसगढ़ की जनता सब जान-समझ रही है। वह BJP और उसकी सहयोगी ED को चुनाव में करारा जवाब देगी।
क्या है महादेव बेटिंग ऐप?
विधानसभा चुनाव के पहले भी इस ऐप को लेकर कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भी यह मामला खुब गरमाया था। भाजपा ने इसको लेकर बघेल और कांग्रेस पर जमकर हमला भी बोला था। महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया ऐप है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। अवैध सट्टे के नटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले। इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था। दरअसल, महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से चलता था। हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे। यूजर को केवल शुरुआत में ही फायदा होता था और बाद में उसे नुकसान होता था। फायदे का 80 प्रतिशत हिस्सा दोनों अपने पास रखते थे। सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है, जिसमें एल्गोरिदम यह तय करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30 प्रतिशत ग्राहक ही जीतें।