Parliament Inauguration Row: राष्ट्रपति की जाति का जिक्र कर मुश्किल में फंसे केजरीवाल और खड़गे, दोनों के खिलाफ FIR दर्ज
Parliament Inauguration Row: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल समेत अन्य के खिलाफ राष्ट्रपति मुर्मू की जाति पर टिप्पणी को लेकर FIR दर्ज कराई गई है।
Parliament Inauguration Row: संसद की नई इमरात के उद्घाटन को लेकर इन दिनों देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। 21 विपक्षी दलों ने उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कराए जाने का विरोध करते हुए समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित न किए जाने को भी विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है। अब इस मामले में नया अपडेट हुआ है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल समेत अन्य के खिलाफ राष्ट्रपति मुर्मू की जाति पर टिप्पणी को लेकर FIR दर्ज कराई गई है।
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आरोप है कि खड़गे – केजरीवाल समेत अन्य नेताओं ने नए संसद भवन के उद्घाटन के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला देते हुए भड़काउ बयान दिया। इन नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 121, 153ए, 505 और 34 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि राष्ट्रपति आदिवासी हैं, इसलिए उन्हें संसद भवन के उद्घाटन समारोह में नहीं बुलाया गया है।
नीतीश ने नए संसद भवन की जरूरत पर ही उठा दिए सवाल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू भी उन राजनीतिक दलों में शामिल है, जिसने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। बिहार सीएम ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि नया संसद भवन नहीं बनाना चाहिए था। जो पुराना संसद भवन है, उसी को सही करना चाहिए था। ये सब लोग इतिहास बदलना चाह रहे हैं। बेकार है वहां जाना। कोई मतलब नहीं है वहां जाने का। क्या जरूरत है वहां जाने की और नया संसद भवन बनाने की।
नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि आज कल जो लोग सत्ता में बैठे हैं, वे पूरा इतिहास ही बदल देना चाहते हैं। आजादी की लड़ाई के इतिहास को भी बदल देंगे। हम मानते हैं कि देश का जो इतिहास है वो बहुत आवश्यक है, नया बनाने की क्या जरूरत थी। इन लोगों को तो पूरा इतिहास बदलना है, इसलिए बदल रहे हैं।
उद्घाटन समारोह के विरोध के दो प्रमुख वजह
संसद भवन की नई इमारत के उद्घाटन समारोह को लेकर देश में इन दिनों बवाल मचा हुआ है। विरोध में खड़ीं विपक्षी पार्टियां अपने-अपने तरीके से इसका विरोध कर रही हैं। कुछ पार्टियां केवल इसलिए विरोध कर रही हैं क्योंकि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा न होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा हो रहा है। वहीं, कुछ पार्टियां उद्घाटन समारोह की तारीख पर सवाल खड़े कर रहे हैं। दरअसल, जिस 28 मई को नई इमारत का उद्घाटन समारोह होना है, उस दिन स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदार सावरकर की जयंती भी है। वीर सवारकर को सत्तारूढ़ बीजेपी जहां महान स्वतंत्रता सेनानी मानती है, वहीं कांग्रेस समेत अन्य विरोधी दल उन्हें गद्दार मानती है। यही वजह है कि इस तारीख को चुनने का विरोध किया जा रहा है।
इन दलों ने किया है बहिष्कार
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वालों में ये पार्टियां शामिल है - कांग्रेस, आप, सीपीआई, सीपीएम, टीएमसी, एनसीपी, जदयू, आरजेडी, डीएमके, एआईएमआईएम, सपा, शिवसेना (उद्धव गुट), जेएमएम, आरएलडी, नेशनल कांफ्रेंस, एमडीएमके, विदुथलाई चिरूथाइगल कच्छी, केरल कांग्रेस मनी, रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी और आईयूएमएल।
समारोह में शामिल होने वाली पार्टियां
संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भारतीय जनता पार्टी समेत 25 पार्टियां शामिल होंगी। कार्यक्रम में शामिल होने वाली पार्टियों में बीजेपी, अकाली दल, बीजद, एआईएडीएमके, वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना (शिंदे गुट), बसपा, अपना दल (एस), आरपीआई (अठावले), आजसू, एमएनएफ, टीडीपी, जेडीएस, तमिल मनीला कांग्रेस, IMKMK, NPP, NPF, NDPP, SKM, JJP और RLJP शामिल हैं।