Uttarakhand Firing: उत्तराखंड गोलीकांड ने कानपुर के बिकरू कांड की दिलाई याद, गोलियों से भूनी गई यूपी पुलिस

Uttarakhand Firing: खनन माफियाओं ने मुरादाबाद पुलिस टीम पर हमला बोलते हुए उन्हें बंधक बनाया, हथियार लूटे और पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-10-13 12:12 IST

उत्तराखंड गोलीकांड (photo: social media ) 

Uttarakhand Firing Case: बुधवार देर शाम उत्तराखंड में यूपी पुलिस के साथ हुई घटना ने दो साल पहले कानपुर के बिकरू कांड की याद दिला दी। कानपुर के बिकरू गांव की तरह ही यूपी पुलिस उत्तराखंड के काशीपुर में अपराधियों के हमले का शिकार बन गई। खनन माफियाओं ने मुरादाबाद पुलिस टीम पर हमला बोलते हुए उन्हें बंधक बनाया, हथियार लूटे और पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच फायरिंग भी हुई, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और मुरादाबाद पुलिस के 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए। दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।

बताया जा रहा है कि खनन माफियाओं ने करीब 1 घंटे तक यूपी पुलिस के 12 पुलिसकर्मियों को बंधक बना कर रखा था। महिला की मौत से नाराज ग्रामीणों के गुस्से का फायदा उठाकर सभी हमलावर फरार हो गए। इनामी खनन माफिया जफर ब्लॉक प्रमुख गुरताज भुल्लर के घर छिपा था। यहां पर एनकाउंटर के दौरान उसकी पत्नी गुरमीत गौर गोली का शिकार बनी। आरोप है कि गुरमीत की मौत मुरादाबाद पुलिस की गोली से हुई है। आइए एक नजर पूरे ऑपरेशन पर डालते हैं –

जफर का पीछा करते उत्तराखंड पहुंच गई मुरादाबाद पुलिस

13 सितंबर की घटना को लेकर वांछित ईनामी गैंगस्टर जफर के मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा इलाके में छिपे होने की सूचना मिली थी। बुधवार दोपहर लोकल पुलिस और एसओजी की टीम जफर को गिरफ्तार करने ठाकुरद्वारा पहुंची तो वह सीमा लांघ कर उत्तराखंड चला गया। इसके बाद उसने ब्लॉक प्रमुख गुरताज भुल्लर के घर में शरण ले ली। इसके बाद सादे ड्रेस में मुरादाबाद पुलिस जफर को गिरफ्तार करने गुरताज के घर पहुंची। यहां पर गुरताज और मुरादाबाद पुलिस की बीच बहस हुई। गुरताज ने लोकल पुलिस बुलाने की मांग की।

बताया जा रहा है कि बहस के दौरान पुलिस को माफिर जफर दिखा। इसके बाद फायरिंग शुरू हो गई। बड़ी संख्या में हथियारों से लैस जफर के साथी वहां पहले ही पहुंच चुके थे। मुठभेड़ में खनन माफिया यूपी पुलिस पर भारी पड़े। हालांकि, इस दौरान गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरमीत कौर गोली का शिकार बनीं। जिस दौरान फायरिंग चल रही थी, तभी गुरमीत ड्यूटी करके लौट रही थीं। उन्हें गोली लगी और उनकी जान चली गई। गुरमीत सहकारी समिति में लिपिक थीं।

इस गोलीबारी में यूपी पुलिस के पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। इसके अलावा ठाकुरद्वारा के इंस्पेक्टर के भी घायल होने की सूचना है। सभी का इलाज उत्तराखंड के ही एक अस्पताल में चल रहा है। यूपी पुलिस ने जफर और अज्ञात अपराधियों के अलावा ग्रामीणों पर भी मारपीट का केस दर्ज कराया है।

यूपी पुलिस की हुई फजीहत

इस घटना ने यूपी पुलिस की एकबार फिर भारी फजीहत करा दी है। एक निर्दोष महिला की मुठभेड़ के दौरान मौत और बड़ी संख्या में यूपी पुलिस के जवानों के घायल होने की घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। उत्तराखंड पुलिस ने भी यूपी पुलिस पर बगैर सूचित किए सीमा में प्रवेश करने का आरोप लगाया है। मुरादाबाद पुलिस को इस ऑपरेशन से कुछ हाथ नहीं लगा। ईनामी गैंगस्टर जफर एकबार फिर यूपी पुलिस को गच्चा देकर भागने में कामयाब रहा।

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