बिहार में मचेगी तबाही! कई स्थानों पर तटबंध टूटने का खतरा, भारी बारिश का अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में नेपाल व उत्तर बिहार में एक अगस्त तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। बारिश होने से उत्तर बिहार में पहले ही बाढ़ का कहर झेल रहे लोगों की परेशानियां और बढ़ जाएंगी।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। बिहार और असम में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग ने बिहार में भारी बारिश की आशंका जताई है और ऐसे में उत्तर बिहार में गोपालगंज से लेकर कटिहार तक बाढ़ का संकट और गहराने के आसार हैं। उत्तर बिहार में सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और 10 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ने पर 25 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं। उधर असम के 33 में से 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और अब तक बाढ़ और भूस्खलन के कारण 129 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारी बारिश की आशंका से अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में नेपाल व उत्तर बिहार में एक अगस्त तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। बारिश होने से उत्तर बिहार में पहले ही बाढ़ का कहर झेल रहे लोगों की परेशानियां और बढ़ जाएंगी। उत्तर बिहार में सात नदियों में उफान आने के कारण दो दर्जन जगहों पर तटबंधों पर भारी दबाव है और उनके टूटने का खतरा पैदा हो गया है। जल संसाधन विभाग ने भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर सभी जिलों को आवश्यक तैयारियां करने का निर्देश दिया है।
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भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं लोग
उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में करीब 10 लाख की आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है और काफी संख्या में लोगों ने जान बचाने के लिए तटबंध व सड़कों पर शरण ले रखी है। जानकारों का कहना है कि भारी बारिश होने पर नदियों का जलस्तर और बढ़ेगा और ऐसे में बाढ़ से प्रभावित लोगों का आंकड़ा 25 लाख तक पहुंच सकता है। दो दर्जन जगहों पर तटबंधों के टूटने का खतरा भी पैदा हो गया है। तटबंधों के टूटने की स्थिति में हालात और गंभीर हो सकते हैं। चंपारण व मिथिलांचल में पहले ही आधा दर्जन से अधिक जगहों पर तटबंध टूट गए हैं। इस कारण लोग भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
नेपाल भी बढ़ाएगा बिहार का संकट
जानकारों का कहना है कि नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में भी भारी बारिश की आशंका जताई गई है। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों से भी उत्तर बिहार में नदियां उफना जाती हैं। नेपाल के पोखरा, आरू घाट, भरतपुर, सिमरा, पीपल गांव, विराटनगर, धरण बाजार और जनकपुर आदि इलाकों में भारी बारिश की आशंका है जिसका असर उत्तर बिहार की प्रमुख नदियों पर पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता। इस कारण आने वाले दिनों में बाढ़ की समस्या और गहरा सकती है।
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असम में लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित
असम में बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार तो हुआ है मगर राज्य के 33 में से 22 जिलों के लाखों लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक बाढ़ में अब तक 103 लोगों की जान ले ली है और भूस्खलन के कारण 26 लोगों की मौत हुई है।
राज्य का गोलपाड़ा जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और यहां करीब पांच लाख लोग बाढ़ के संकट का सामना कर रहे हैं। असम के काजीरंगा नेशनल पार्क और बोकाहाट के टाइगर रिजर्व में बाढ़ में डूबने व अन्य कारणों से अब तक 132 जानवरों की मौत हो चुकी है।
उत्तराखंड में भी बढ़ीं लोगों की दिक्कतें
दूसरी ओर उत्तराखंड में भी मौसम खराब बना हुआ है। लगातार हो रही बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। भारी बारिश के कारण राज्य के कई इलाकों में सड़क मार्ग पूरी तरह बंद है। कई स्थानों पर लैंडस्लाइड की घटनाओं ने भी लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग की ओर से 28 और 29 जुलाई को कुमाऊं में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
पिथौरागढ़ में बादल फटने से भूस्खलन
पिथौरागढ़ के झूला गांव में बादल फटने की घटना के कारण सोमवार को कई मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए। दो लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई गई है। बादल फटने की इस घटना के बाद एसडीआरएफ की एक टीम को मौके पर भेजा गया है। टीम ने मलबे को साफ करने का काम शुरू कर दिया है।
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