राम मंदिर पर कलह शुरू, हो रहा इस प्रकार का विरोध, जाने पूरा मामले
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बनाए गए ट्रस्ट पर बवाल शुरू हो गया है। श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में पुराने लोगों को शामिल ना किए जाने से राम
अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बनाए गए ट्रस्ट पर बवाल शुरू हो गया है। श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में पुराने लोगों को शामिल ना किए जाने से राम जन्मभूमि से जुड़े महंत नाराज हैं।
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वो इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। उन्होंने सरकार पर अन्याय का आरोप लगाया। इस मामले में दिगम्बर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने आज संतो का बैठक बुलाई है। बैठक में आगे का फैसला होगा।
आदित्यनाथ ने खुद कहा था कि नृत्य गोपाल दास शामिल होंगे
नाराज संत महंत सुरेश दास ने कहा कि सरकार ने संतो का अपमान किया है। हमने एक बैठक बुलाई है, जिसमें सारे संत शामिल होंगे। पूरे देश के संत फोन कर रहे हैं। हम बैठक में आगे की कार्यवाही करेंगे। अगर जरूरत हुई तो आंदोलन होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कहा था कि नृत्य गोपाल दास शामिल होंगे।
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वहीं, प्रयागराज में ज्यादातर संत इस बात से खुश हैं कि सरकार ने बनाई अपनी कमेटी में ऐसे लोगों को रखा है जिनका सियासत से कोई नाता नहीं है। हालांकि नृत्य गोपाल दास सरीखे कुछ लोगों को शामिल नहीं करने पर संतो ने कहा कि इन्हें होना चाहिए था, लेकिन उनका मतलब मंदिर बनने से है। किसी ट्रस्ट से नहीं है, किसी समिति से नहीं है।
अनशन पर बैठे महंत परमहंस दास
अयोध्या की तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने अन्न व जल सब त्याग दिया है। महंत परमहंस दास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को राम मंदिर ट्रस्ट का संरक्षक और परमाध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं।
उनका कहना है कि जब तक संघ प्रमुख को ट्रस्ट का संरक्षक नहीं बनाया जाएगा तब तक वे अनशन पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के संघर्ष में संघ का अहम योगदान रहा है, इसलिए संघ प्रमुख को ट्रस्ट का संरक्षक बनाया जाना चाहिए।
ट्रस्ट में परासरण समेत ये सदस्य
सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट केशवन अय्यंगार परासरण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में होंगे। ट्रस्ट में जगतगुरु शंकराचार्य, जगतगुरु माधवानंद स्वामी, युगपुरुष परमानंद जी महाराज का नाम भी है। इसके अलावा पुणे के गोविंद देव गिरि, अयोध्या के डॉक्टर अनिल मिश्रा, कामेश्वर चौपाल और निर्मोही अखाड़ा के धीरेंद्र दास का नाम भी शामिल है।
ट्रस्ट के परासरण के आवास आर20, ग्रेटर कैलाश, पार्ट-1, नई दिल्ली से चलाया जाएगा। ट्रस्टी इस पर फैसला ले सकते हैं कि ऑफिस कहां ट्रांसफर किया जा सकता है। ट्रस्ट संपत्ति और फंड दोनों का संचालन करेगा। ट्रस्ट समयानुसार नियमों में बदलाव भी कर सकेगा। ट्रस्ट एक स्वतंत्र निकाय होगा।
ट्रस्टी होने की शर्त
ट्रस्टी में से एक के लिए अनिवार्य शर्त हिंदू होना भी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक निर्मोही अखाड़ा के मंहत धीरेंद्र दास भी एक ट्रस्टी होंगे। ट्रस्टी बनने के लिए अनिवार्य शर्त हिंदू होना है। इस ट्रस्ट के चेयरमैन को ट्रस्टी ही नियुक्त करेंगे।