Omar Abdullah Divorce: जज साहब हमारी शादी टूट चुकी, नहीं सुधर सकते रिश्ते...आखिर कोर्ट में ऐसा क्यों कहना पड़ा उमर अब्दुल्ला को

Omar Abdullah Divorce: न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया और छह सप्ताह के भीतर उनसे जवाब मांगा।

Update:2024-07-15 17:18 IST

Omar Abdullah Divorce

Omar Abdullah Divorce: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पत्नी से तलाक के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब्दुल्ला की अर्जी पर शीर्ष कोर्ट ने उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उमर अब्दुल्ला ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि हमारी शादी टूट चुकी है और अब रिश्ते सुधर नहीं सकते। इसलिए तलाक चाहिए। इस पर न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया और छह सप्ताह के अंदर उनसे जवाब मांगा। इसके साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है।


काफी सालों से दोनों रह रहे अलग

उमर अब्दुल्ला का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, दोनों की शादी खत्म हो चुकी है। दोनों बीते 15 सालों से अलग रह रहे हैं। उनके बीच अब पति और पत्नी जैसा कोई रिश्ता नहीं है। उन्होंने पीठ से मांग की कि वह संविधान के आर्टिकल 142 में वर्णित अधिकार के तहत इस मामले में फैसला सुनाएं। बता दें, शादियों को लेकर इस नियम का हवाला सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। इसके आधार पर किसी भी तलाक के मामले को वाजिब समझते हुए कोर्ट खुद शादी को भंग करने का आदेश दे सकता है। कपिल सिब्बल की दलील पर जस्टिस धूलिया और जस्टिस अमानुल्लाह ने पायल को नोटिस जारी किया है।


हाईकोर्ट से लग चुका है झटका

दरअसल, उमर अब्दुल्ला ने तलाक के लिए इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें क्रूरता के आधार पर तलाक दिया जाए। इस पर उच्च न्यायालय ने कहा था कि उमर अब्दुल्ला के आरोप अस्पष्ट हैं और साबित नहीं होता है कि पायल ने उनके साथ क्रूरता की है। हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद उमर ने शीर्ष अदालत का रुख किया और फैसले को चुनौती दी।


1994 में हुई थी उमर और पायल की शादी

उमर और पायल की शादी सितंबर 1994 में हुई थी, लेकिन वे काफी समय से अलग रह रहे हैं। उमर की तलाक याचिका को 30 अगस्त, 2016 को एक पारिवारिक अदालत ने खारिज कर दिया था। पारिवारिक अदालत ने माना कि वह शादी के टूटने को साबित करने में असफल रहे।


अदालत ने कहा कि उमर क्रूरता या त्याग के अपने दावों की पुष्टि नहीं कर सके और किसी ऐसी विशिष्ट परिस्थिति की व्याख्या करने में वे असमर्थ थे, जिसके कारण पायल के साथ संबंध बनाए रखना उनके लिए असंभव हो गया था। इसके बाद उमर अब्दुल्ला हाईकोर्ट चले गए थे और अब उनकी तलाक की अर्जी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।

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