1984 Anti-Sikh Riots : 1984 दंगा से जुड़े एक केस में पूर्व कांग्रेस MP सज्जन कुमार बरी, कोर्ट ने दिया संदेह का लाभ
1984 Anti-Sikh Riots : कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को सिख विरोधी दंगे से जुड़े एक मामले में बरी कर दिया। फिलहाल, सज्जन कुमार एक अन्य मामले में उम्रकैद झेल रहे हैं। वो जेल में बंद हैं।
1984 Anti-Sikh Riots : दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार (Congress Leader Sajjan Kumar) को 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों (1984 Riot) के दौरान एक शख्स की हत्या से संबंधित मामले में 'संदेह का लाभ' देते हुए बुधवार को बरी कर दिया। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल (Special Judge Gitanjali Goyal) ने दो अन्य आरोपियों वेद प्रकाश पियाल (Ved Prakash Piyal) और ब्रह्मानंद गुप्ता को भी कोर्ट ने ये कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ हत्या और दंगे के आरोप साबित करने में विफल रहा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में हुई घटना के दौरान सिख शख्स सुरजीत सिंह की मौत हो गई थी। विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान कहा, 'आरोपी सज्जन कुमार को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है। आपको बता दें, कांग्रेस नेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा- 153 ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा- 109 (किसी अपराध के लिए उकसाना), धारा- 302 (हत्या) और धारा- 147 (दंगा) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
तिहाड़ जेल में बंद हैं सज्जन कुमार
गौरतलब है कि, 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Assassination of Indira Gandhi) की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। जिसके बाद दिल्ली में सिख विरोधी दंगे भड़क गए। जिसमें सैकड़ों बेगुनाह की जान चली गई। वहीं, दंगों से जुड़े एक अन्य मामले में सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया। जिसके बाद कांग्रेस नेता तिहाड़ जेल में बंद हैं। 17 दिसंबर 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने सज्जन कुमार को दंगे से जुड़े एक मामले में आजीवन जेल में रहने की सजा सुनाई थी। सज्जन कुमार अब तक कई बार सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगा चुके हैं लेकिन हर बार उनकी याचिका खारिज हो जाती है।
'आपको सुपर वीआईपी की तरह नहीं देखा जा सकता'
याद दिला दें, सितंबर महीने की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अदालत से जमानत की मांग की थी। कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में इलाज कराने की इजाजत मांगी थी। जिस पर कोर्ट ने कहा था कि आपको सुपर वीआईपी की तरह नहीं देखा जा सकता।