Acharya Kishore Kunal: कौन थे आचार्य किशोर कुणाल, जिन्होंने गरीबों के कल्याण के लिए किये बड़े काम
Acharya Kishore Kunal: पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल का निधन आज हार्ट अटैक से हो गया।
Acharya Kishore Kunal: आज यानी रविवार सुबह अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक आचार्य किशोर कुणाल का ह्रदय गति रुकने के कारण निधन हो गया। बता दें कि 74 साल की उम्र में आचार्य किशोर कुणाल का निधन हो गया। आचार्य किशोर कुणाल को वीपी सिंह की सरकार में विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए विशेष अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया था।
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। ये बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले थे। इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं से हुई है। लेकिन बाद में इन्होने 1970 में पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत स्नातक की डिग्री हासिल की। इन्हे संस्कृत से काफी गहरा लगाव था। अपनी स्नातक की पढाई के साथ ही इन्होने सिविल सेवा की पढाई भी शुरू कर दी थी। जिसमें इन्हे सफलता भी मिल गई थी। 1972 में ये गुजरात कैडर में भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस अधिकारी बने थे। 1978 में वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बने थे।
2001 में पुलिस सेवा से दिया इस्तीफ़ा
इनकी पहली पोस्टिंग गुजरात के आणंद जिले में हुई थी। जहाँ इन्हे आणंद का एसपी बनाया गया था। 1978 में इन्हे अहमदाबाद का पुलिस उपायुक्त बनाया गया था। किशोर कुणाल 1983 में पटना के एसएसपी बने थे। साल 2001 में इन्होने पुलिस सेवा से इस्तीफ़ा दे दिया था। लेकिन बाद में इन्होने केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति का पद संभाला था। जहाँ पर ये साल 2004 तक इसी पद पर थे। बाद में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक बन जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार किया था। इन्होने अपने समय में धार्मिक न्यास बोर्ड में कई बदलाव भी किए थे। लेकिन 10 मार्च 2016 को इन्होने इस पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया था। किशोर कुणाल ने दमन तक्षकों का किताब लिखा था जिसमे इन्होने प्रदेश के बॉबी हत्याकांड का जिक्र किया था।
अस्पतालों की स्थापना
आचार्य किशोर कुणाल ने कई अस्पतालों की भी स्थापना की थी। जिसमे महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान , महावीर नेत्रालय, महावीर वात्सल्य अस्पताल जैसे कई धर्मार्थ अस्पतालों के नाम शामिल है। इन्होने कई बड़े परोपकारी काम भी किये है। महावीर मंदिर में पहली बार 13 जून 1993 को एक पुजारी को नियुक्त किया था।