गुजरात के इस पूर्व IPS ने कहा- एनकाउंटर नहीं करते, तो PM मोदी जिंदा भी न होते
पूर्व आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा ने गुजरात के फर्जी एनकाउंटर के बारे में कहा कि अगर ऐसा नहीं करते तो पीएम मोदी जिंदा भी नहीं होते
अहमदाबाद: गुजरात के पूर्व आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे पॉलिटिकल गलियारों में हलचल मच सकती है। साल 2005 में हुए सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले के मुख्य अभियुक्त वंजारा ने अपने ऊपर लगे फर्जी एनकाउंटरों के आरोप पर कहा कि उन्होंने कोई फेक एनकाउंटर नहीं किया। सारे एनकांउटर क़ानून के दायरे में किए। उन्होंने कहा कि अगर वह यह एनकाउंटर नहीं करते, तो आज पीएम नरेंद्र मोदी जिंदा भी न होते। गुजरात कश्मीर बन चुका होता। यह बात वंजारा ने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहीं।
नेक्स्ट स्लाइड में जानिए कौन हैं डीजी वंजारा
कौन हैं डीजी वंजारा ?
-डीजी वंजारा 1987 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं।
-उनकी इमेज गुजरात पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है।
-वे पहले क्राइम ब्रांच में थे और बाद में गुजरात एंटी टैररिस्ट स्क्वाॅयड (एटीएस) चीफ हो गए।
-जिसके बाद वंजारा को पाकिस्तान से सटे बॉर्डर रेंज का आईजी बनाया गया।
-वंजारा 2002 से 2005 तक अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस भी थे।
-उनकी इस पोस्टिंग के दौरान करीब बीस लोगों का एनकाउंटर हुआ।
-सीबीआई जांच में पता चला कि ये एनकाउंटर फेक (फर्जी) थे।
-वंजारा को साल 2007 में गुजरात सीआईडी ने अरेस्ट किया था और उसके बाद वे जेल गए।
-वंजारा पर अभी आठ लोगों की हत्या का आरोप है, जिनमें सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी, तुलसीराम प्रजापति, सादिक जमाल, इशरत और उसके साथ मारे गए तीन अन्य लोग शामिल हैं।
-इनके एनकाउंटर के बाद क्राइम ब्रांच ने कहा कि ये सभी पाकिस्तानी आतंकी थे और गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की जान लेना चाहते थे।
-बाद में कोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच हुई।
-जांच में साबित हुआ कि ये सभी एनकाउंटर फेक थे।
-सितंबर 2014 में मुंबई की एक कोर्ट ने वंज़ारा को सोहराबुद्दीन, तुलसीराम प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर मामले में बेल दे दी।
-साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन केस को ट्रायल के लिए गुजरात से महाराष्ट्र ट्रांसफर किया।
-तब से वंज़ारा मुंबई जेल में थे। फ़रवरी 2015 में वंजारा जेल से रिहा हुए थे।